कोटपूतली तहसील में कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का भौगोलिक अध्ययन
इस क्षेत्र में कृषि और जलवायु परिवर्तन का भौगोलिक अध्ययन
by Arvind Kumar Kuldeep*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 14, Issue No. 2, Jan 2018, Pages 1953 - 1957 (5)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
कोटपूतली तहसील का पर्यावरण एक कमजोर स्थिति पर पहुंच चुका है। इसका बदलता हुआ स्वरूप पृथ्वी के विनाश का कारण बन सकता है। इस संदर्भ में दुनिया के लगभग सभी वैज्ञानिक चिंतित हैं। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पृथ्वी पर कृषि के लिए ही नही बल्कि सामान्यतया पूरे जीवन के लिए एक भारी खतरा है। अध्ययन क्षेत्र कोटपूतली तहसील में कृषि में प्रमुख चुनौतियों के मार्ग पर तेजी से वृद्धि कर रही है। इनमें जनसंख्या वृद्धि, कृषि, भूमि व अन्य प्राकृतिक संसाधनो में गिरावट सम्मिलित है और इन सब के अतिरिक्त ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पर्यावरण परिवर्तन में सबसे अधिक योगदान कर रहा है। औद्योगीकरण व मशीनीकरण की दुनिया में यह सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है। विश्व में बिगड़ते हुए पर्यावरण संतुलन एवं प्रदूषण के कारण कोटपूतली तहसील के तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है जोकि जीवधारियों, वृक्षों एवं मानव जाति के लिए खतरा बन गई है। कोटपूतली की कृषि जलवायु परिवर्तन व संसाधनों पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन के कृषि पर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं अतः इस शोध में हम कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का भौगोलिक अध्ययन कर रहे हैं।
KEYWORD
कोटपूतली तहसील, पृथ्वी, दुनिया, वैज्ञानिक, वायुमंडल, ग्रीनहाउस गैस, जनसंख्या वृद्धि, कृषि, भूमि, प्राकृतिक संसाधन, ग्रीनहाउस गैसों, औद्योगीकरण, मशीनीकरण, पर्यावरण संतुलन, प्रदूषण, जीवधारियों, वृक्षों, मानव जाति, जलवायु परिवर्तन, शोध, भौगोलिक अध्ययन