चीनी यात्रियों द्वारा वर्णित भारतीय समाज: एक आर्थिक अध्ययन
चीनी यात्रियों द्वारा वर्णित भारतीय समाज: एक आर्थिक अध्ययन
by Kritika Pareek*, Dr. Shish Ram Boyat,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 15, Issue No. 1, Apr 2018, Pages 308 - 311 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
प्राचीन काल से समाज का उत्कर्ष मनुष्य के आर्थिक जीवन की सम्पन्नता, समान्नति और सुख-सुविधा पर निर्भर करता रहा है। व्यक्ति का भौतिक और लौकिक सुख उसके जीवन के आर्थिक विकास से प्रभावित होता है। यह सही है कि समय-समय पर मनुष्य के आर्थिक कार्यक्रम उसकी आवश्यकताओं के अनुरूप घटते-बढ़ते और परिवर्तित भी होते रहे हैं। किन्तु आर्थिक जीवन का मूल आधार कृषि और व्यापार रहा है। इसमें कोई अन्तर नहीं आ पाया है। आज भी विश्व का समाज इन्हीं दो आधारों पर टिका है। अतः आर्थिक जीवन को उत्प्रेरित करने वाली ये प्रवृत्तियाँ प्रत्येक युग में सहज रूप से स्वभावतः उद्भूत होती रही हैं। ये समाज को पुष्ट और स्वस्थ बनाने में सक्रिय सहयोग प्रदान करती हैं तथा इससे व्यक्ति और समाज का विकास स्वाभाविक गति से होता रहा है। कृषि और व्यापार आर्थिक जीवन के प्रमुख अंग हैं।
KEYWORD
चीनी यात्रियों, भारतीय समाज, आर्थिक अध्ययन, समाज, भौतिक विकास, कृषि, व्यापार, व्यक्ति, समान्नति, सख-सुविधा