मुगल हरम में स्त्रियों की स्थिति, हरम का प्रशासन व हरम के अन्दर की जीवनशैली
अकबर के समय की हरम की जीवनशैली और स्त्रियों की स्थिति
by Sunil Kumar*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 15, Issue No. 1, Apr 2018, Pages 690 - 693 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
अकबर ने अपने साम्राज्य को शक्तिशाली बनाने के लिए कई राजपूत घरानों से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किए। 1562 में अकबर ने जोधाभाई से शादी की जो राजा भारमल की पुत्री थी।[1] जोधाभाई का हरम में मुख्य स्थान था। उसी के गर्भ से सलीम का जन्म हुआ। जो अकबर के बाद 1506 में बादशाह बना। जोधाभाई से शादी के बाद अकबर ने भारमल को उच्च मनसब प्रदान किया, जो 5000 का था। जोधाभाई के भाई भगवान दास को अमीर उद दौला की उपाधि अकबर द्वारा दी गई और उसके भतीजे मानसिं को 7000 का दिया गया था। ये सब जोधाभाई के कारण ही हुआ था। इसके अलावा जौधपुर, जैसलमेर आदि राजवाड़ों की राजकुमारियों के साथ अकबर ने शादी की। ये सभी महिलाएँ हरम में अपने पुराने धार्मिक विश्वासों को चलाती रही उन्हें मुस्लिम बनने के लिए बाध्य नहीं किया गया।[2] इस प्रकार साफ है कि अकबर के समय राजनीति में हरम का प्रभाव था।
KEYWORD
मुगल हरम, स्त्रियों की स्थिति, हरम का प्रशासन, हरम की जीवनशैली, अकबर, वैवाहिक सम्बन्ध, महिलाएँ