विद्यालय के छात्रों में तकनीकी शिक्षा का अभिप्राय एवं महत्व

Understanding the Significance of Technical Education in Indian Schools

by Ribha Kumari*, Dr. Ramesh Kumar,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 1, Apr 2018, Pages 915 - 921 (7)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

हमारा देश प्रारम्भ से ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय रहा है। हमारे वेद, पुराणों में इस के प्रमाण उपलब्ध है। प्राचीन काल में भले ही बडे-बडे विज्ञान भवन न रहे हो तकनीकी संस्थानों की श्रंखला दिखाई न देती हो, लेकिन गुरूकुलों में दी जाने वाली शिक्षा विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास में सहायक थीं। सृष्टि के अदिकाल में जिस दिन मनु पुत्र के जीवन मे चेतना आई उसी दिन सहित्य संरचना प्रारम्भ हो गई थी। शिक्षा वैयक्तिक समाजिक और राष्ट्रीय प्रगति के लिए नहीं अपितु सभ्यता और संस्कृति के विकास के लिए भी अनिवार्य है। भारतीयों ने शिक्षा के इस गहन महत्व को समझा और उसे लागू के प्रयास किए। परिणामः उस काल में शिक्षा की सुन्दर और श्रेष्ठ व्यवस्था हुई। भारत की प्रचीन शिक्षा प्रणाली से सैकडों वर्षों तक भारत का विशाल वैदिक साहित्य ही सुरक्षित नहीं रहा अपितु प्रत्येक युग मे दर्शन, न्याय, गणित, ज्योतिष, वैधक, रसायन आदि विविध शास्त्रों और ज्ञान के क्षेत्रों में ऐसे मौलक विचारक और विद्वान उत्पन्न हुए जिनसे हमारे देश का मस्तक आज भी यश आज से उन्नत है। ‘उपर्युक्त अध्ययन का उद्देश्य गुरू की महिमा का बखान करना नहीं है बल्कि गुरु के उस स्वरूप को स्थापित करना है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता का ज्ञान हो सके।

KEYWORD

विद्यालय, छात्रों, तकनीकी शिक्षा, महत्व, गुरूकुलों, संस्कृति, शिक्षा, शास्त्रों, विद्वान