गुप्तोत्तर काल में सामाजिक छुआ-छुत की स्थिति
गुप्तोत्तर काल में सामाजिक वर्ण व्यवस्था और भाषा के प्रभाव
by Abhishek Kumar Bhagat*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 15, Issue No. 1, Apr 2018, Pages 986 - 988 (3)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
परम्परागत वर्ण व्यवस्था का जिसके अनुसार समाज मोटे रूप से चार वर्णों में बंटा हुआ था, अभिलेख तथा साहित्यिक ग्रंथों में भी उल्लेख किया गया है। पाटन नरेश यद्यपि बौद्ध थे, फिर भी उन्होंने वर्ण व्यवस्था की रक्षा करने वाले शासक कहा गया है।
KEYWORD
गुप्तोत्तर काल, सामाजिक छुआ-छुत, परम्परागत वर्ण व्यवस्था, अभिलेख, साहित्यिक ग्रंथ, पाटन नरेश, वर्ण व्यवस्था, शासक