भाव्यवाद

Exploring the Concept of Fate and Free Will in Mahabharata

by Veemmi Rani*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 3, May 2018, Pages 603 - 605 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

महाभारत में नियति या भाग्य के अस्तित्व को दैव इच्छा के परिप्रेक्ष्य में स्वीकारा गया है। महाभारत में कहा गया है कि ‘‘यदि कभी कोई पुरुषार्थ सफल होता दिखाई देता है तो वहाँ भी खोज करने पर दैव का ही सहयोग सिद्ध होता है’’[ 40]

KEYWORD

भाव्यवाद, महाभारत, नियति, भाग्य, दैव, इच्छा, परिप्रेक्ष्य, पुरुषार्थ, सफल, सहयोग