हिन्दी साहित्य में नारी विमर्श तथा इसकी महत्ता

Exploring the Significance of Female Analysis in Hindi Literature

by Mrs. Bala Devi*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 4, Jun 2018, Pages 12 - 16 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

हिन्दी कथा साहित्य में स्त्री विमर्श जिसमें नारी जीवन की अनेक समस्याएं देखने को मिलता है। हिन्दी साहित्य में छायावाद काल से स्त्री-विमर्श का जन्म माना जाता है। महादेवी वर्मा की श्रृंखला की कड़िया नारी सशक्तिकरण का सुन्दर उदाहरण है।

KEYWORD

हिन्दी साहित्य, नारी विमर्श, स्त्री-विमर्श, नारी जीवन, समस्याएं, छायावाद, महादेवी वर्मा, नारी सशक्तिकरण, कथा साहित्य, श्रृंखला