लालदासी पंथ: साहित्य और सिद्धान्त

The Laladasi Sect: Literature, Philosophy, and Communal Harmony in the Meo Region

by Dr. Manjusha .*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 4, Jun 2018, Pages 345 - 349 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

मध्यकाल में मेवात क्षेत्र में धार्मिक पुनर्जागरण का कार्य प्रसिद्ध संत लालदास जी ने किया था। इनका जन्म धौली दूव गाँव (अलवर) में 1540 ई. में हुआ था। मध्यकाल में मेवात क्षेत्र में धार्मिक पुनर्जागरण का कार्य प्रसिद्ध संत लालदास जी ने किया था। इनका जन्म धौली दूव गाँव (अलवर) में 1540 ई. में हुआ था। इनके पिता का नाम चाँदमल जी एवं माता का नाम समदा बाई था। मेव जाति में जन्मे लालदास जी मुस्लिम संत गद्दन चिश्ती से दीक्षा लेकर निर्गुण भक्ति का उपदेश दिया। इनका देहान्त भरतपुर जिले के नगला गाँव में हुआ है, यहीं पर लालदासी सम्प्रदाय की प्रधान पीठ उपस्थित है। इनकी समाधि शेरपुर (अलवर) में स्थित है। इन्होंने मेवात क्षेत्र में हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया था।

KEYWORD

लालदासी पंथ, साहित्य, सिद्धान्त, मेवात क्षेत्र, पुनर्जागरण, संत लालदास, निर्गुण भक्ति, हिन्दू मुस्लिम एकता, धौली दूव गाँव, शेरपुर