चम्बा के मिंजर मेले की लोक गाथा एवं लोकगीत

The Folklore and Folk Songs of Minjar Fair in Chamba

by Dr. Kirti Garg*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 6, Aug 2018, Pages 493 - 495 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

चम्बा 550 ई0 में एक छोटी सी रियासत थी। जिसका प्रथम शासक था ‘‘मरू’’ तथा उसकी राजधानी थी ‘‘ब्रह्मपुर’’। ब्रह्मपुर को आज ‘‘भरमौर’’ के नाम से जाना जाता है। इसी राजवंश के बीसवें राजा ‘‘साहिल वर्मा’’ ने 920 ई0 में चम्बा नगर बसाया। कहा जाता है कि साहिल वर्मा ने चम्बा नगर का नाम अपनी प्रिय पुत्री ‘‘चम्पावती’’ के नाम पर ‘‘चम्पा’’ रखा। धीरे-धीरे ये चम्पा नाम बदल कर चम्बा बन गया। ये भी कहा जाता है कि इस चम्बा नगर को बसाने में चम्पावती की ही प्रेरणा रही। चम्बा में एक गाथा यह भी चली आ रही है कि चम्बा में पानी का बहुत कष्ट था अतः पानी के संकट को दूर करने के लिए राजा साहिल वर्मा की रानी ‘‘नयना देवी’’ ने अपने आप को दिवार में चुनवा लिया था और अपना बलिदान दिया। तभी से चम्बा में पानी का संकट दूर हुआ। आज भी उसी स्थान पर माता सूही की याद में हर साल एक मेला भी लगता है।

KEYWORD

चम्बा, मिंजर मेले, लोक गाथा, लोकगीत, रियासत, राजधानी, राजवंश, राजा साहिल वर्मा, चम्पावती, नयना देवी, पानी, संकट, माता सूही, मेला