पंचायती राज: वर्तमान संदर्भ में एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

An analytical study in the current context of Panchayati Raj

by Kapil Dev*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 9, Oct 2018, Pages 376 - 381 (6)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

विश्व की वृहत्तम लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था भारत की प्रमुख विशेषता है। लोकतंत्र मूलतः विकेन्द्रीकरण पर आधारित शासन व्यवस्था होती है। शासन के ऊपर स्तरों पर को भी लोकतंत्र तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक कि निचले स्तर पर लोकतांत्रिक मान्यताएँ एवं मूल्य शक्तिशाली न हों। यदि लोकतंत्र का अर्थ जनता की समस्याएँ एवं उनके समाधान की प्रक्रिया में जनता की पूर्ण तथा प्रत्यक्ष भागीदारी है, तो प्रत्यक्ष, स्पष्ट एवं विशिष्ट लोकतंत्र का प्रमाण उतना सटीक अन्यत्र देखने को नहीं मिलेगा जितना स्थानीय स्तर पर है अब तक देश स्थानीय शासन (पंचायती राज) पाँच दशक हो चुके इसके विभिन्न स्तरों पर आऐ परिवर्तन, वास्तविक लोकतंत्र जैसे, महिलाओं की स्थिति साक्षर पंचायतः आरक्षण, विकेन्द्रीयकरण, संवैधानिक दर्जा, जैसे विषयों पर इस शोध पत्र में प्रकाश डालेंगे।

KEYWORD

पंचायती राज, विश्लेषणात्मक अध्ययन, लोकतंत्र, संदर्भ, विकेन्द्रीकरण, समस्याएँ, प्रत्यक्ष भागीदारी, परिवर्तन, महिलाओं की स्थिति, साक्षर पंचायतः, आरक्षण, विकेन्द्रीयकरण, संवैधानिक दर्जा