आगरा घराने की गायकी

आगरा घराने की ध्रुपदशैली - एक परिचय

by Dr. Pratibha Sharma*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 9, Oct 2018, Pages 640 - 643 (4)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

आगरा घराना वह घराना है जो ध्रुपदशैली के सैद्धांतिक आधार व ख्याल परम्परा के उचित समन्वय से एक विशेष प्रकार की आकर्षक व प्रतिष्ठित गायकी के लिए प्रसिद्ध है। इसके संस्थापक अकबर युग के हाजी सुजान खां को माना जाता है। उस्ताद फैयाज खां आगरा घराने की गायकी के सर्वश्रेष्ठ कलाकार माने जाते हैं। इनके अतिरिक्त गुलाम अब्बास, नत्थन खां, विलायत हुसैन खां, पं. भास्कर बुआ बखले, अता हुसैन खां व श्री कृष्ण रातंजनकर इत्यादि भी इस घराने के प्रसिद्ध कलाकार हैं। आगरा घराने की आवाज या स्वर वजन, जवारी, गुंजन, गोलाई, पैनापन, लचीलापन, खुलापन इत्यादि विशेषताओं से परिपूर्ण है। इस गायकी में बोल बनाव, बोल आलाप, बोल उपज, बोल बांट, बोल तान इत्यादि विविध बोल प्रकारों का कौशलपूर्वक प्रयोग किया जाता है। घरानेदार गायकियों में आगरा घराने की गायकी को महत्वपूर्ण एवं गौरवशाली स्थान प्राप्त है।

KEYWORD

आगरा घराना, गायकी, ध्रुपदशैली, सैद्धांतिक आधार, प्रसिद्ध कलाकार, आवाज, वजन, जवारी, गुंजन, बोल प्रकार