भीमराव अंबेडकर के भारतीय समाज के संदर्भ में सामाजिक विचार

भारतीय समाज में भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार: जातिवाद, छूआछूत, स्त्री शिक्षा और अधिकारों के मुद्दों का विश्लेषण

by Babita .*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 15, Issue No. 11, Nov 2018, Pages 520 - 522 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

भीमराव अंबेडकर एक महान विचारक, तेजस्वी वक्ता और दलितों के मसीहा थे। अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्यप्रदेश के नगर इंदौर में महू के पास छावनी में हुआ था। अंबेडकर जी ने सम्पूर्ण जीवन भर समाज में जातिवाद के उन्मूलन के लिए प्रयास किया था। अंबेडकर ने समाज में जातिवाद व छूआछूत को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रयास किया था। सार्वजनिक स्थानों में निम्न जाति के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करना चाहता था। धर्म के आधार पर किऐ जाने वाले भेदभाव को मिटाने के लिए हिंदु कोड बिल को पारित करवाया था। अंबेडकर ने समाज में स्त्रियों की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुऐ स्त्री शिक्षा पर बल दिया। इनके अनुसार शिक्षा के माध्यम से ही लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बन सकते है।

KEYWORD

भीमराव अंबेडकर, भारतीय समाज, सामाजिक विचार, जातिवाद, छूआछूत, भेदभाव, हिंदु कोड बिल, स्त्री शिक्षा, अधिकारों