भारतीय राजनीति में पड़ने वाले क्षेत्रवाद के प्रभाव का विश्लेषणात्मक अध्ययन
भारतीय राजनीति में क्षेत्रवाद: उसका प्रभाव और विश्लेषण
by Neelam Devi*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 15, Issue No. 12, Dec 2018, Pages 624 - 628 (5)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
साधारण शब्दों में, क्षेत्रवाद से अभिप्रायः किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की उस भावना एवं प्रयत्न से होता हे, जो उन्हे अपने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रेरित करती है। भारतीय राजनीति के संदर्भ में क्षेत्रवाद एक अपभ्रंश प्रयोग है, जिसका अभिप्राय है- राष्ट्र की तुलना में किसी क्षेत्र विशेष अथवा राज्य की अपेक्षा किसी छोटे क्षेत्र के प्रति लगाव, भक्ति या विशेष आकर्षण। इस तरह क्षेत्रवाद राष्ट्रीयता की भावना का विलोम है, जिसका उद्देश्य है-संकीर्ण क्षेत्रीय स्वार्थों की पूर्ति। भारतीय राजनीतिक परिपेक्ष में यह एक ऐसी धारणा है, जो राष्ट्रीय एकीकरण को समाप्त करते हुए पृथकतावादी प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन देती है।
KEYWORD
भारतीय राजनीति, क्षेत्रवाद, प्रभाव, विश्लेषणात्मक अध्ययन, क्षेत्रीय स्वार्थ