पन्ना जिले में सतत कृषि विकास और आर्थिक दृष्टि में लाभकारी फसलों का प्रयोग: एक अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.29070/2xbgcg76Keywords:
कृषि विकास, लाभकारी फसलें, सतत कृषि, कृषि नीतियां, फसल प्रबंधन, फसल उत्पादकताAbstract
मध्य प्रदेश में स्थित पन्ना जिले की अर्थव्यवस्था का प्राथमिक क्षेत्र कृषि है। इस शोधकार्य में, पन्ना जिले की कृषि वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक रूप से लाभप्रद फसलों के उपयोग की भी जांच की है। मक्का, चना, गेहूं, जौ, तिलहन, अरहर दाल, उड़द दाल, सरसों, गन्ना और बाजरा जैसी मुख्य फसलें इस जिले के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जो विशेष रूप से इन फसलों पर निर्भर है। इस जिले की आर्थिक संरचना पर प्रभाव डालने के अलावा, ये फसलें इस क्षेत्रीय क्षेत्र में रहने वाले किसानों के लिए व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। पन्ना जिले के किसानों के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कृषि विकास और आर्थिक रूप से व्यवहार्य फसलों के उपयोग को प्राथमिकता दी जाए। ऐसे कई प्रमुख मुद्दे हैं जो पन्ना जिले में कृषि क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। इन मुद्दों में बुनियादी जल संसाधनों की कमी, पर्याप्त बाज़ार संभावनाओं का अभाव, उपयुक्त कृषि तकनीकों का अभाव और अच्छे बीजों की उपलब्धता शामिल हैं। इन मुद्दों का समाधान खोजने के लिए, हमें आर्थिक और तकनीकी दोनों दृष्टिकोण से नवीन दृष्टिकोण लागू करने की आवश्यकता होगी। इससे किसानों के बीच उत्पादकता का स्तर बढ़ा सकेंगे और उन्हें बेहतर आर्थिक स्थिति प्रदान कर सकेंगे। नवीन कृषि संयंत्रों का उपयोग करके कृषि विकास एवं कृषि उपज में वृद्धि की जा सकती है।इस अध्ययन के उद्देश्य से, हमने विभिन्न स्रोतों से जानकारी एकत्र की है और प्राप्त आंकड़ों की जांच की है। इस शोध के माध्यम से, हमने उन तरीकों की खोज करने का प्रयास किया है जिनसे पन्ना जिले में कृषि विकास और अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी फसलों का उपयोग किया जा सकता है, साथ ही वे तरीके जिनसे जिले की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
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