बॉयल मिलों का सामाजिक आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव

Authors

  • अशोक चौधरी शोधार्थी, भूगोल विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान

DOI:

https://doi.org/10.29070/c1e2cv30

Keywords:

स्वास्थ्य, सामाजिक प्रभाव, सिलिकोसिस, क्वार्ट्ज, फेल्सपार

Abstract

किसी भी क्षेत्र में तेज आर्थिक विकास, नई नौकरियों के सृजन, निवासियों के लिए संसाधनों और सेवाओं तक पहुँच के लिए उद्योग अत्यंत आवश्यक है। कुल मिलाकर उद्योगों का व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है। साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव भी होता है। मनुष्य भी इन उद्योगों की मार से अछूता नहीं रहा है। इस शोध पत्र में अजमेर जिले के बॉयल मिल उद्योग के सामाजिक-आर्थिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य सम्बंधी प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।

References

खनिज पीसने में प्रदूषण को कम करने के लिए दिशानिर्देश। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड. http://www.indiaenvironmentportal.org.in/files/file/MG पर उपलब्ध, संशोधित मई 2012. पीडीएफ

पार्क, के. (2015) अध्याय 15 व्यावसायिक स्वास्थ्य। पार्क पाठ्य पुस्तक निवारक एवं सामाजिक चिकित्सा 23वां संस्करण, पीपी 803-819। बनारसीदास भनोट प्रकाशक. शर्मा, आर. (2017) संशोधित कुप्पुस्वामी की सामाजिक आर्थिक स्थिति स्केल: समझाया और अद्यतन किया गया।

भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ. वॉल्यूम. 54 पृ. 867-70. 3. 22-01-2019 तक सिलिकोसिस रोगी सारांश रिपोर्ट। राजस्थान सरकार द्वारा सिलिकोसिस अनुदान वितरण। 22/01/2019 को http://silicose.rajasthan.gov.in/SummaryReport.aspx से लिया गया

Downloads

Published

2024-05-01

How to Cite

[1]
“बॉयल मिलों का सामाजिक आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव”, JASRAE, vol. 21, no. 4, pp. 105–107, May 2024, doi: 10.29070/c1e2cv30.

How to Cite

[1]
“बॉयल मिलों का सामाजिक आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव”, JASRAE, vol. 21, no. 4, pp. 105–107, May 2024, doi: 10.29070/c1e2cv30.