बॉयल मिलों का सामाजिक आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव

Authors

  • अशोक चौधरी शोधार्थी, भूगोल विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान

Keywords:

स्वास्थ्य, सामाजिक प्रभाव, सिलिकोसिस, क्वार्ट्ज, फेल्सपार

Abstract

किसी भी क्षेत्र में तेज आर्थिक विकास, नई नौकरियों के सृजन, निवासियों के लिए संसाधनों और सेवाओं तक पहुँच के लिए उद्योग अत्यंत आवश्यक है। कुल मिलाकर उद्योगों का व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है। साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव भी होता है। मनुष्य भी इन उद्योगों की मार से अछूता नहीं रहा है। इस शोध पत्र में अजमेर जिले के बॉयल मिल उद्योग के सामाजिक-आर्थिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य सम्बंधी प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।

References

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Published

2024-05-01

How to Cite

[1]
“बॉयल मिलों का सामाजिक आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव”, JASRAE, vol. 21, no. 4, pp. 105–107, May 2024, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/15061

How to Cite

[1]
“बॉयल मिलों का सामाजिक आर्थिक व पर्यावरणीय प्रभाव”, JASRAE, vol. 21, no. 4, pp. 105–107, May 2024, Accessed: Sep. 19, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/15061