हिंदी नवगीत परंपरा: प्रमुख नवगीतकारों के योगदान के मूल्यांकन पर एक अध्ययन

Authors

  • जयप्रकाश मेरावी सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, शासकीय महाविद्यालय, कुरई, सिवनी (म.प्र.)
  • डॉ. बलीराम अहिरवार सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य (स्वशासी) महिला महाविद्यालय, जबलपुर (म. प्र.)

DOI:

https://doi.org/10.29070/4zcdb639

Keywords:

हिंदी नवगीत, नवगीतकार, आधुनिक हिंदी कविता, स्वतंत्रता के बाद का साहित्य, कविता में यथार्थवाद, समकालीन भारतीय साहित्य

Abstract

हिंदी साहित्य में नवगीत परंपरा आधुनिक हिंदी कविता में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतिनिधित्व करती है, जो 20वीं सदी के मध्य में स्वतंत्रता के बाद के भारत में सामाजिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों की प्रतिक्रिया के रूप में उभरी। यह लेख नवगीत रूप के उद्भव और विकास की पड़ताल करता है, जो इसकी संक्षिप्तता, यथार्थवाद और समकालीन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की विशेषता है। यह नरेश मेहता, नागार्जुन, श्रीपाल सिंह, वासुदेव सिंह और शमशेर बहादुर सिंह जैसे प्रमुख नवगीतकारों के योगदान का मूल्यांकन करता है, जिन्होंने इस शैली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। व्यक्तिगत और सामाजिक विषयों के मिश्रण के माध्यम से, इन कवियों ने काव्य अभिव्यक्ति का एक नया रूप सामने लाया, जिसने आधुनिक जीवन की चुनौतियों को संबोधित किया। अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे इन नवगीतकारों ने शास्त्रीय रूपों से हटकर और कविता में भावनात्मक गहराई, बौद्धिक जांच और सामाजिक प्रासंगिकता का संचार करके हिंदी कविता को समृद्ध किया। लेख भारतीय साहित्य के परिदृश्य में एक स्थायी योगदान के रूप में नवगीत के प्रभाव और विरासत का भी आकलन करता है, समकालीन कविता में इसकी निरंतर प्रासंगिकता पर जोर देता है।

References

सुरेश गौतम; वीणा गौतम (1985). नवगीत : इतिहास और उपलब्धि (प्रथम ed.). नई दिल्ली: शारदा प्रकाशन. p. 36.

सत्येन्द्र शर्मा (1993). नवगीत : संवेदना और शिल्प. इलाहाबाद: साहित्य संगम. pp. 9–10.

राधेश्याम बन्धु, ed. (2004). नवगीत और उसका युगबोध. समग्र चेतना. p. 84.

सिंह, राजेन्द्र प्रसाद (5 February 1958). "भूमिका". गीतांगिनी. 1 (1): 3.

सिंह, राजेन्द्र प्रसाद. "गीत रचना और 'नवगीत'". हिंदी समय. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय. Retrieved 16 June 2021.

रवीन्द्र भ्रमर (1972). समकालीन हिन्दी कविता. राजेश प्रकाशन. p. 84.

शर्मा, ए. (2018). नवगीत के सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों का अध्ययन. जयपुर: साहित्य भारती.

गुप्ता, जे. (2015). हिन्दी नवगीत: शिल्प और शैली का विश्लेषण. इलाहाबाद: भारती प्रकाशन.

मिश्रा, पी. (2013). नवगीत और सामाजिक असमानता का विश्लेषण. पटना: साहित्य परिषद प्रकाशन.

त्रिपाठी, वी. (2011). नवगीतों में व्यक्तिगत और सामाजिक संघर्ष का अध्ययन. वाराणसी: विश्वविद्यालय प्रकाशन.

सिंह, आर. (2005). हिन्दी नवगीत: विकास और सामाजिक चेतना. नई दिल्ली: साहित्य भवन पब्लिशर्स.

सामयिक निबन्ध. प्रतियोगिता दर्पण. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788174828651.

हिन्दी साहित्य का अद्यतन इतिहास, डा० मोहन अवस्थी, पृ० ३०२

Downloads

Published

2024-10-01

How to Cite

[1]
“हिंदी नवगीत परंपरा: प्रमुख नवगीतकारों के योगदान के मूल्यांकन पर एक अध्ययन”, JASRAE, vol. 21, no. 7, pp. 63–67, Oct. 2024, doi: 10.29070/4zcdb639.

How to Cite

[1]
“हिंदी नवगीत परंपरा: प्रमुख नवगीतकारों के योगदान के मूल्यांकन पर एक अध्ययन”, JASRAE, vol. 21, no. 7, pp. 63–67, Oct. 2024, doi: 10.29070/4zcdb639.