भारत की बुनियादी शिक्षा प्रणाली और उसके विकास का एक अध्ययन

Authors

  • जयपाल सिंह रिसर्च स्कॉलर, श्रीकृष्ण विश्वविद्यालय, छतरपुर, म.प्र.
  • डॉ. दिलीप कुमार शुक्ला प्रोफेसर, श्रीकृष्ण विश्वविद्यालय, छतरपुर, म.प्र.

DOI:

https://doi.org/10.29070/fp7xn537

Keywords:

शिक्षा प्रणाली, ऐतिहासिक, शिक्षा नीतियाँ, शिक्षा विकास, भारत

Abstract

यह अध्ययन भारत की बुनियादी शिक्षा प्रणाली और उसके ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास की गहराई से समीक्षा करता है। शिक्षा शब्द दिन-प्रतिदिन की प्रक्रियाओं में इसके अनुप्रयोग के अनुसार अलग-अलग समझ देता है। शिक्षा शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'एड्यूसर' से हुई है जिसका अर्थ है 'पालन करना' या 'पोषण करना'। दूसरे शब्दों में 'शिक्षा' का अर्थ है शिक्षण या प्रशिक्षण का कार्य। सरल अर्थ में, शिक्षा का अर्थ है ज्ञान और अनुभव का अधिग्रहण और साथ ही कौशल, आदतों और दृष्टिकोणों का विकास जो किसी व्यक्ति को पूर्ण और भौतिक जीवन जीने में मदद करते हैं। शिक्षा का क्षेत्र एक सामाजिक संस्था है जो प्रत्येक मनुष्य को परिवार, समुदाय और समाज के अच्छे सदस्य के रूप में तैयार करती है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर बनाना और उन्हें अपने कौशल और आत्मविश्वास को विकसित करने देना है। अध्ययन का उद्देश्य यह समझना है कि बुनियादी शिक्षा के विकास में क्या प्रमुख चुनौतियाँ रही हैं और इनसे निपटने के लिए किस प्रकार की नीतियाँ और कार्यक्रम प्रभावी साबित हुए हैं। अंततः यह अध्ययन भारत की शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने हेतु समावेशी, नवाचार-आधारित एवं टिकाऊ दृष्टिकोण की सिफारिश करता है।

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Published

2022-07-01

How to Cite

[1]
“भारत की बुनियादी शिक्षा प्रणाली और उसके विकास का एक अध्ययन”, JASRAE, vol. 19, no. 4, pp. 826–835, Jul. 2022, doi: 10.29070/fp7xn537.

How to Cite

[1]
“भारत की बुनियादी शिक्षा प्रणाली और उसके विकास का एक अध्ययन”, JASRAE, vol. 19, no. 4, pp. 826–835, Jul. 2022, doi: 10.29070/fp7xn537.