सवर्ण छात्राओं एवं अनुसूचित जाति की छात्राओं के नैराश्य का तुलनात्मक अध्ययन करना
DOI:
https://doi.org/10.29070/t8b2ey13Keywords:
सवर्ण छात्राओं , अनुसूचित जाति, छात्राओं के नैराश्यAbstract
स्कूल समुदाय के भीतर किशोर महिलाओं के बीच नैराश्य प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य चिंताएँ हैं और ये स्कूलों में मनोवैज्ञानिक सेवा प्रदाताओं पर कई प्रभाव डालते हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य सागर जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के सवर्ण एवं अनुसूचित जाति के छात्राओं में नैराश्य का तुलनात्मक अध्ययन करना है। शोध के लिए उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के 16 से 18 वर्ष के बीच 500 छात्राओ का चयन किया गया है जिसमें 250 सवर्ण जाति के छात्रा एवं 250 अनुसूचित जाति के छात्रा सम्मिलित हैं। शोधकर्ता ने सवर्ण एवं अनुसूचित जाति के किशोरवय छात्राओं के नैराश्य के मापन के लिए डॉ. एन.एस. चैहान एवं डॉ. गोविन्द तिवारी द्वारा संरचित एवं मानकीकृत परीक्षण ‘‘नैराश्य परीक्षण मापनी’’ का उपयोग अपने शोध अध्ययन में किया है। नैराश्य परीक्षण के विभिन्न चरों का अलग-अलग अध्ययन, मानक विचलन एवं दोनों समूहों की तुलना का ‘टी’ परीक्षण द्वारा टी मूल्य ज्ञात किया गया। अध्ययन के परिणामों से यह निष्कर्ष प्राप्त हुए कि सवर्ण एवं अनुसूचित जाति के छात्राओं की नैराश्य के स्तर पर सार्थक अंतर नहीं पाया गया।
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