सवर्ण छात्राओं एवं अनुसू‍चित जाति की छात्राओं के नैराश्‍य का तुलनात्मक अध्ययन करना

Authors

  • डॉ. रामकिशोर विश्वकर्मा एसोसिएट प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, ज्ञानवीर विश्‍वविद्यालय, सागर, मध्‍यप्रदेश

DOI:

https://doi.org/10.29070/t8b2ey13

Keywords:

सवर्ण छात्राओं , अनुसू‍चित जाति, छात्राओं के नैराश्‍य

Abstract

स्कूल समुदाय के भीतर किशोर महिलाओं के बीच नैराश्य प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य चिंताएँ हैं और ये स्कूलों में मनोवैज्ञानिक सेवा प्रदाताओं पर कई प्रभाव डालते हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य सागर जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के सवर्ण एवं अनुसूचित जाति के छात्राओं में नैराश्य का तुलनात्मक अध्ययन करना है। शोध के लिए उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के 16 से 18 वर्ष के बीच 500 छात्राओ का चयन किया गया है जिसमें 250 सवर्ण जाति के छात्रा एवं 250 अनुसूचित जाति के छात्रा सम्मिलित हैं। शोधकर्ता ने सवर्ण एवं अनुसूचित जाति के किशोरवय छात्राओं के नैराश्य के मापन के लिए डॉ. एन.एस. चैहान एवं डॉ. गोविन्द तिवारी  द्वारा संरचित एवं मानकीकृत परीक्षण ‘‘नैराश्य परीक्षण मापनी’’ का उपयोग अपने शोध अध्ययन में किया है। नैराश्य परीक्षण के विभिन्न चरों का अलग-अलग अध्ययन, मानक विचलन एवं दोनों समूहों की तुलना का ‘टी’ परीक्षण द्वारा टी मूल्य ज्ञात किया गया। अध्ययन के परिणामों से यह निष्कर्ष प्राप्त हुए कि सवर्ण एवं अनुसूचित जाति के छात्राओं की नैराश्य के स्तर पर सार्थक अंतर नहीं पाया गया।

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Published

2024-10-01

How to Cite

[1]
“सवर्ण छात्राओं एवं अनुसू‍चित जाति की छात्राओं के नैराश्‍य का तुलनात्मक अध्ययन करना”, JASRAE, vol. 21, no. 7, pp. 419–424, Oct. 2024, doi: 10.29070/t8b2ey13.

How to Cite

[1]
“सवर्ण छात्राओं एवं अनुसू‍चित जाति की छात्राओं के नैराश्‍य का तुलनात्मक अध्ययन करना”, JASRAE, vol. 21, no. 7, pp. 419–424, Oct. 2024, doi: 10.29070/t8b2ey13.