उत्तरी भारत में 600 ई. से 1200 ई. तक के सामाजिक और धार्मिक परिवर्तनों का अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.29070/qza2wr44Keywords:
सामाजिक परिवर्तन, सांस्कृतिक परिवर्तन, उत्तरी भारत, मध्यकालीन काल, धर्म, अर्थव्यवस्था, भक्ति आंदोलन, जाति व्यवस्था, व्यापार नेटवर्क, कृषि विस्तारAbstract
यह अध्ययन 600 ई. से 1200 ई. तक उत्तरी भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों की खोज करता है, जिसमें समाज, धर्म और अर्थव्यवस्था के परस्पर संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस अवधि में कई राजवंशों का उत्थान और पतन, जाति संरचनाओं का विकास, भक्ति और तांत्रिक परंपराओं का प्रसार और कृषि विस्तार और व्यापार नेटवर्क के कारण महत्वपूर्ण आर्थिक बदलाव हुए। अध्ययन उस समय के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को समझने के लिए ऐतिहासिक ग्रंथों, शिलालेखों और पुरातात्विक खोजों की आलोचनात्मक जांच करता है। धार्मिक आंदोलनों, मंदिर अर्थव्यवस्थाओं और विदेशी संबंधों के प्रभाव की भूमिका का विश्लेषण समाज पर उनके प्रभाव का आकलन करने के लिए किया जाता है। एक व्यापक अवलोकन प्रदान करके, इस शोध का उद्देश्य इस प्रारंभिक अवधि के दौरान उत्तरी भारतीय समाज के परिवर्तन में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
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