प्राथमिक शिक्षा के संबंध में अनुसूचित जाति के बच्चों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन

Authors

  • डॉ. रामकिशोर विश्वकर्मा एसोसिएट प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, ज्ञानवीर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश

DOI:

https://doi.org/10.29070/qhk07866

Keywords:

शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा, छात्र, शिक्षक, अनुसूचित जाति के छात्र

Abstract

यह अध्ययन प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति के बच्चों की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने का प्रयास करता है। भारतीय समाज में शिक्षा को सामाजिक सशक्तिकरण और आर्थिक उन्नति का प्रमुख साधन माना जाता है, परंतु अनुसूचित जातियों के बच्चों को आज भी शिक्षा प्राप्ति में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस शोध में प्रमुख रूप से नामांकन दर, उपस्थिति, ड्रॉपआउट दर, शैक्षणिक उपलब्धि और सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का अध्ययन किया गया है। शोध के दौरान पाया गया कि यद्यपि प्राथमिक स्तर पर नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, फिर भी गुणवत्ता, नियमित उपस्थिति तथा पाठ्यक्रम की उपलब्धता जैसे पहलुओं में कई खामियां मौजूद हैं। सामाजिक भेदभाव, आर्थिक पिछड़ापन, पारिवारिक असहयोग और विद्यालयों में सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएँ बच्चों की सतत शिक्षा में बाधक बनी हुई हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएँ जैसे मध्याह्न भोजन योजना, छात्रवृत्ति कार्यक्रम एवं विशेष आवासीय विद्यालयों का संचालन कुछ हद तक सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं, परंतु जमीनी स्तर पर इनकी प्रभावशीलता में सुधार की आवश्यकता है। यह अध्ययन सुझाता है कि अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों में समानता लाने हेतु समाज में जागरूकता बढ़ाने, विद्यालयों की आधारभूत संरचना सुधारने तथा बच्चों व अभिभावकों के बीच शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।

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Published

2025-01-01

How to Cite

[1]
“प्राथमिक शिक्षा के संबंध में अनुसूचित जाति के बच्चों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन”, JASRAE, vol. 22, no. 01, pp. 393–401, Jan. 2025, doi: 10.29070/qhk07866.

How to Cite

[1]
“प्राथमिक शिक्षा के संबंध में अनुसूचित जाति के बच्चों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन”, JASRAE, vol. 22, no. 01, pp. 393–401, Jan. 2025, doi: 10.29070/qhk07866.