संख्यात्मक क्षमता और तर्कशक्ति विकास के बीच संबंध
DOI:
https://doi.org/10.29070/w1w67b83Keywords:
तर्कशक्ति विकास, गणनात्मक सोच, संज्ञानात्मक विकास, समस्या समाधान, विश्लेषणात्मक क्षमता, शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षण विधियाँ, संख्यात्मक विश्लेषण, छात्र प्रदर्शन , संख्यात्मकAbstract
यह शोध पत्र "संख्यात्मक क्षमता और तर्कशक्ति विकास के बीच संबंध" विषय पर केंद्रित है, जिसमें यह विश्लेषण किया गया है कि कैसे किसी व्यक्ति की संख्यात्मक (संख्यात्मक/गणितीय) क्षमता उसके तर्कशक्ति विकास को प्रभावित करती है और दोनों के मध्य परस्पर संबंध कैसा होता है। शिक्षा मनोविज्ञान, संज्ञानात्मक विज्ञान और तर्कशास्त्र के संदर्भ में यह अध्ययन यह स्पष्ट करता है कि गणितीय अवधारणाओं की समझ, समस्या-समाधान कौशल और तार्किक विश्लेषण की क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं। इस शोध में छात्रों, विशेष रूप से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की गणनात्मक दक्षता और तर्कात्मक सोच का तुलनात्मक मूल्यांकन किया गया है। परिणामस्वरूप यह सिद्ध होता है कि जिन छात्रों की संख्यात्मक क्षमता अधिक विकसित होती है, उनकी विश्लेषणात्मक सोच और तार्किक निर्णय लेने की योग्यता भी अधिक सुदृढ़ होती है। यह अध्ययन शैक्षिक रणनीतियों के विकास, शिक्षक प्रशिक्षण, और पाठ्यक्रम नियोजन के क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
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