शैक्षणिक तनाव पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अवसाद का विवरण तैयार करना

Authors

  • योगेश कुमार नायक रिसर्च स्कॉलर, श्री कृष्णा यूनिवर्सिटी, छतरपुर, म.प्र.
  • डॉ. गुलरेज़ खान सहायक प्रोफेसर, श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर, म.प्र.

DOI:

https://doi.org/10.29070/wmrbkz25

Keywords:

शैक्षणिक, तनाव, अवसाद , व्यक्ति , व्यवहारिक

Abstract

अवसाद मानवता को प्रभावित करने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है और शरीर, मन तथा विचारों पर असर डालता है। अवसाद अक्सर किशोरावस्था में शुरू होता है है। विश्वविद्यालय के छात्रों में अवसाद एक गंभीर समस्या है, जो पूरे देश में तेजी से बढ़ रही है। विश्वविद्यालय के छात्रों को उन पर पड़ने वाले दबाव और तनाव के कारण अवसाद का अधिक खतरा रहता है। सभी लोगों को कुशलता से काम करने के लिए एक निश्चित मात्रा में तनाव की आवश्यकता होती है। न तो बहुत अधिक और न ही बहुत कम तनाव उपयोगी है या फलदायी। उचित तनाव स्तर मस्तिष्क को बेहतर बनाता है और प्रदर्शन तथा सेहत को बढ़ाता है। छात्रों को तनाव से राहत दिलाने वाली गतिविधियाँ सिखाई जानी चाहिए। इससे उन्हें खुद को संतुलित रखने में मदद मिल सकती है। अपने व्यवहारिक स्वास्थ्य से जूझ रहे व्यक्ति को तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

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Published

2025-04-01

How to Cite

[1]
“शैक्षणिक तनाव पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अवसाद का विवरण तैयार करना”, JASRAE, vol. 22, no. 3, pp. 346–353, Apr. 2025, doi: 10.29070/wmrbkz25.

How to Cite

[1]
“शैक्षणिक तनाव पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अवसाद का विवरण तैयार करना”, JASRAE, vol. 22, no. 3, pp. 346–353, Apr. 2025, doi: 10.29070/wmrbkz25.