विश्वविद्यालयीन छात्राओं के समायोजन पर चयनित यौगिक क्रियाओं (हठयोग) का प्रभाव

Authors

  • वन्दना देवी शोधार्थी, महात्मा ज्योति राव फुले यूनिवर्सिटी, जयपुर(राज.)
  • डॉ. बी .पी. गौड़ प्रोफेसर, महात्मा ज्योति राव फुले यूनिवर्सिटी, जयपुर(राज.)

DOI:

https://doi.org/10.29070/1t5s6a03

Keywords:

विश्वविद्यालयीन छात्राएं, यौगिक क्रियाएं, समायोजन

Abstract

इस शोध अध्ययन का उद्देश्य यौगिक क्रियाओं का प्रभाव विश्वविद्यालयीन छात्राओं के समायोजन पर देखना है| इसके लिए कुल 50 छात्राओं का प्रयोज्यों के रूप में चयन किया गया| यौगिक क्रियाओं का प्रशिक्षण देने के पूर्व इन प्रयोज्यों के समायोजन स्तर का मापन ए.के.पी.सिन्हा और आर.पी.सिंह (2010) की समायोजन मापनी से किया गया, यह प्रयोग की पूर्व स्थिति है |

यहाँ यौगिक क्रियाओं का तात्पर्य हठयोग के विभिन्न अंग यथा – चयनित षट्कर्म, आसन, प्राणयाम, मुद्रा एवं बंध से है | इन यौगिक क्रियाओं का समुचित ढंग से प्रतिदिन 60 मिनट तक दो माह के लिए नियमित अभ्यास कराया गया | अभ्यास के दो माह बाद उनके समायोजन स्तर का पुन: परीक्षण किया गया | ये स्थिति पश्च-परीक्षण की है | प्राप्त आंकड़ो का विश्लेषण ‘t’ परीक्षण (two tail) द्वारा किया गया जिसका कसौटी स्तर α=या p<0.05 है | शोध के प्राप्त परिणाम ये इंगित करते है कि योग अभ्यास के पूर्व इन छात्राओं का समायोजन पांचों क्षेत्र यथा गृह, स्वास्थ्य, शैक्षणिक, सामाजिक तथा संवेगात्मक में समायोजन क्रमश: औसत, असंतोषजनक, असंतोषजनक, असंतोषजनक तथा बहुत असंतोषजनक स्तर का है | दो माह के यौगिक क्रियाओं के नियमित अभ्यास से इनके समायोजन के पांचों क्षेत्र यथा – गृह, स्वास्थ्य, शैक्षणिक, सामाजिक एवं संवेगात्मक क्षेत्र में सार्थक सुधार हुआ है | कुल समायोजन में भी सार्थक एवं सकारामक परिवर्तन देखा गया | इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि चयनित हठ यौगिक क्रियाओं के अभ्यास से छात्राओं के समायोजन में सार्थक सुधार होता है |

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Published

2025-03-01

How to Cite

[1]
“विश्वविद्यालयीन छात्राओं के समायोजन पर चयनित यौगिक क्रियाओं (हठयोग) का प्रभाव”, JASRAE, vol. 22, no. 2, pp. 137–142, Mar. 2025, doi: 10.29070/1t5s6a03.

How to Cite

[1]
“विश्वविद्यालयीन छात्राओं के समायोजन पर चयनित यौगिक क्रियाओं (हठयोग) का प्रभाव”, JASRAE, vol. 22, no. 2, pp. 137–142, Mar. 2025, doi: 10.29070/1t5s6a03.