भक्तिकालीन सगुण और निर्गुण धारा: सामाजिक, धार्मिक, और साहित्यिक परिप्रेक्ष्य

Authors

  • मनीष पटेल गेस्ट फ़ैकल्टी, एनसीडबल्यूईबी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

DOI:

https://doi.org/10.29070/sa2szg86

Keywords:

भक्ति आंदोलन, सगुण भक्ति, निर्गुण भक्ति, तुलसीदास, कबीर, धार्मिक सुधार, सामाजिक परिप्रेक्ष्य, हिंदी साहित्य, मध्यकालीन भारत

Abstract

यह शोध-पत्र भारतीय उपमहाद्वीप के मध्यकाल में विकसित हुए भक्ति आंदोलन की दो प्रमुख धाराओं - सगुण और निर्गुण - का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। 14वीं से 17वीं शताब्दी के दौरान, जब भारत में राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक उथल-पुथल चरम पर थी, यह आंदोलन एक आध्यात्मिक और सामाजिक क्रांति के रूप में उभरा। सगुण भक्ति, जिसमें ईश्वर के साकार रूप, जैसे राम और कृष्ण की उपासना की जाती है, को तुलसीदास और सूरदास जैसे कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाया। वहीं, निर्गुण भक्ति ने एक निराकार और अमूर्त ईश्वर की अवधारणा को बढ़ावा दिया, जिसके प्रमुख प्रणेता कबीर और गुरु नानक जैसे संत थे। इस धारा ने धार्मिक कर्मकांडों, जातिगत भेदभाव और सामाजिक आडंबरों का पुरजोर विरोध किया। यह शोध-पत्र इन दोनों धाराओं के उद्भव, उनके सामाजिक, धार्मिक और साहित्यिक प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन करता है। यह विश्लेषण यह दर्शाता है कि, जहाँ सगुण धारा ने लोक-जीवन में भक्ति को मर्यादा और प्रेम के माध्यम से स्थापित किया, वहीं निर्गुण धारा ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और पाखंडों के विरुद्ध एक क्रांतिकारी चेतना का संचार किया। इस आंदोलन ने न केवल भारतीय साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि सामाजिक समानता और धार्मिक सहिष्णुता के मूल्यों को भी सुदृढ़ किया।

References

द्विवेदी, हजारी प्रसाद. हिंदी साहित्य की भूमिका. राजकमल प्रकाशन, 1940.

द्विवेदी, हजारी प्रसाद. कबीर. लोकभारती प्रकाशन, 1942.

गार्नर, विलियम. रामचरितमानस: ए ट्रांसलेशन एंड कमेंटरी. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 2016.

कोसंबी, डी.डी. द कल्चर एंड सिविलाइजेशन ऑफ एनसिएंट इंडिया इन हिस्टोरिकल आउटलाइन. रूटलेज, 1965.

राय, अमिताभ. भक्ति मूवमेंट इन इंडिया: एन ओवरव्यू. अटलांटिक पब्लिशर्स, 2009.

शुक्ल, रामचंद्र. हिंदी साहित्य का इतिहास. नागरी प्रचारिणी सभा, 1929.

ताराचंद. इंफ्लुएंस ऑफ इस्लाम ऑन इंडियन कल्चर. द इंडियन प्रेस, 1922.

वर्मा, धीरेंद्र. हिन्दी साहित्य का इतिहास. राजकमल प्रकाशन, 1995.

वर्मा, रामकुमार. हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास. लोकभारती प्रकाशन, 1938.

राय, रामवृक्ष बेनीपुरी. कबीर: व्यक्तित्व और विचार. राजकमल प्रकाशन, 1952.

राय, विनय. सूरदास: जीवन और काव्य. प्रभात प्रकाशन, 2005.

Downloads

Published

2025-07-01

How to Cite

[1]
“भक्तिकालीन सगुण और निर्गुण धारा: सामाजिक, धार्मिक, और साहित्यिक परिप्रेक्ष्य”, JASRAE, vol. 22, no. 4, pp. 174–178, Jul. 2025, doi: 10.29070/sa2szg86.

How to Cite

[1]
“भक्तिकालीन सगुण और निर्गुण धारा: सामाजिक, धार्मिक, और साहित्यिक परिप्रेक्ष्य”, JASRAE, vol. 22, no. 4, pp. 174–178, Jul. 2025, doi: 10.29070/sa2szg86.