आदिवासी समाज में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण: गुमला जिले की उराँव जनजाति का समाजशास्त्रीय विश्लेषण
DOI:
https://doi.org/10.29070/qy1a0t89Keywords:
उराँव जनजाति, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, सामाजिक परिवर्तन, गुमला, आदिवासी समाजAbstract
यह शोध गुमला जिले की उराँव जनजाति की महिलाओं के सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का समाजशास्त्रीय विश्लेषण प्रस्तुत करता है। अध्ययन का उद्देश्य यह समझना है कि शिक्षा किस प्रकार आदिवासी महिलाओं के जीवन में परिवर्तन का माध्यम बनती है, और किन सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण यह प्रक्रिया बाधित होती है। शोध में प्राथमिक और द्वितीयक आंकड़ों का प्रयोग कर यह निष्कर्ष निकाला गया कि आयु, शिक्षा स्तर, आर्थिक स्थिति, निर्णय लेने की क्षमता और बैंकिंग पहुँच जैसे घटक महिला सशक्तिकरण को गहराई से प्रभावित करते हैं। विशेष रूप से 29–36 वर्ष की शिक्षित महिलाएँ परिवर्तन के केंद्र में हैं, जबकि अधिकांश महिलाएँ अभी भी पारिवारिक निर्णयों, आर्थिक व्यय और राजनीतिक सहभागिता में सीमित भूमिका निभाती हैं। यह अध्ययन आदिवासी समुदायों में महिलाओं की यथास्थिति को उजागर करता है और शिक्षा को उनके सशक्तिकरण का प्रमुख साधन मानता है।
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