असंगठित क्षेत्र में बाल श्रमिकों एवम मानवाधिकार का समाजशास्त्रीय अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.29070/k7g94x88Keywords:
असंगठित क्षेत्र, मानवाधिकार, बाल श्रमिकोंAbstract
असंगठित क्षेत्र में बाल श्रमिकों एवं मानवाधिकारों का विश्लेषण सामाजिक-आर्थिक संरचनाओं के अंतर्गत एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें गरीबी, अशिक्षा, पारिवारिक विघटन और कमजोर कानूनी प्रवर्तन प्रमुख कारक हैं। यह क्षेत्र सामाजिक असमानताओं का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है, जहां बाल श्रम का प्रचलन मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, और जीवन के अधिकारों के संदर्भ में। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य इन प्रवृत्तियों के बीच अंतर्संबंधों का विश्लेषण करना, और समाज में व्याप्त इन जटिलताओं का कारण एवं परिणाम समझना है। साथ ही, यह शोध इन उल्लंघनों को समाप्त करने हेतु नीति-निर्माण, कानूनी प्रवर्तन, और सामाजिक जागरूकता के प्रभावी उपायों का मूल्यांकन करता है। इस परिप्रेक्ष्य में, बाल श्रम को एक मानवीय एवं सामाजिक समस्या के रूप में निरूपित करते हुए, यह अध्ययन समाज में न्याय एवं समानता के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता विकसित करने का प्रयास करता है, जो समकालीन समाजशास्त्र में बाल श्रम एवं मानवाधिकारों के अंतर्संबंधों को समझने का एक आवश्यक और सूक्ष्म विश्लेषण है।
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