बांसवाड़ा में संगमरमर (मार्बल) खनन द्वारा पारिस्थितिकीय अवनयन (बांसवाड़ा जिले के संदर्भ में अध्ययन)

An assessment of marble mining and its environmental impact in Banswara district, Rajasthan

by Dr. Laxmanlal Parmar*,

- Published in Journal of Advances in Science and Technology, E-ISSN: 2230-9659

Volume 15, Issue No. 2, Sep 2018, Pages 68 - 71 (4)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

राजस्थान का खनिज उत्पादन की दृष्टि से अति महत्वपुर्ण स्थान है। और देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 50 है। राज्य में तरह-तरह की खनिज सम्पदा के विपुल भंडार है। राजस्थान में 30 प्रकार के मुख्य खनिज तथा 15 प्रकार के औद्यौगिक खनिज पाये जाते है।[1] तथा बांसवाडा जिले में खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अनुसार 2015-16 में 2 प्रधान खनिज एवं 124 उप्रधान खनिजों का खनन कार्य होता है। जिसमें से 1990-91 में 219 एवं 2015-16 के अनुसार 92 संगमरमर (मार्बल) की खाने बांसवाडा जिले में पायी जाती है।

KEYWORD

बांसवाड़ा, संगमरमर, मार्बल, खनन, पारिस्थितिकीय अवनयन, राजस्थान, खनिज उत्पादन, औद्यौगिक खनिज, खान, भू-विज्ञान