निवार्णवन फाउण्डेशन द्वारा समाज से वंचित बालकों को शिक्षा प्रदान करने में आने वाली आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक समस्याओं के निष्कर्ष का अध्ययन करना

बच्चों की शिक्षा में समाज से वंचित बालकों के शैक्षिक और सामाजिक समस्याओं का अध्ययन

by Shalu Soni*, Dr. Savita Gupta,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 18, Issue No. 1, Jan 2021, Pages 248 - 252 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

बच्चे किसी भी राष्ट्र की सम्पत्ति है वह सुयोग्य नागरिक बनने के लिए प्राकृतिक विकास व वृद्धि के लिए उचित वातावरण की मांग करते है। किसी भी देश का भविष्य उस देश के बच्चों के अधिकारों पर निर्भर है। वर्तमान में शिक्षा की गिनती रोटी, कपड़ा और मकान की तरह बुनियादी आवश्यकताओं में की जा रही है। शिक्षा व्यक्ति को अपना भला-बुरा समझने की क्षमता देती है इसी क्षमता का विकास आज देश में अनेक स्वयं सेवी संस्थाए NGO’s कर रहे है जिसमें अलवर जिले में संचालित निर्वाणवन फाउण्डेशन भी इसी दिशा में अग्रसर है। परन्तु निर्वाणवन फाउण्डेशन के प्रमुख उद्देश्य – “निर्वाणवन फाउण्डेशन द्वारा समाज से वंचित बालकों को शिक्षा प्रदान करने में आने वाली आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक समस्याओं का अध्ययन करना है। जिसके निष्कर्ष पूर्ति में आर्थिक रूप से संस्था का प्रति वर्ष र्ख 6,220,000 जो संस्था के प्राप्त अनुदान से (25 लाख) से काफी कम है। शैक्षिक रूप से संस्था द्वारा संचालित विद्यालय मुख्यतः प्राथमिक स्तर तक है। जिससे बालकों के शिक्षित क्रम में बाधा होती है एवं शिक्षण समाग्री, आवागमन खर्च, शिक्षकों का वेतन, शिक्षकों की योग्यता, कक्षा - कक्ष अभाव जो समस्यात्मक रूप है। इसी प्रकार सामाजिक रूप से स्थानीय व सामाजिक लोगो का सहयोग न मिलना, सामाजिक रूप से अनुदान न मिलना पिछड़े इलाकों के बालको को हेय दृष्टि से देखना आदि संस्था के समक्ष समस्याएँ है।

KEYWORD

निवार्णवन फाउण्डेशन, समाज से वंचित बालकों, आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक समस्याओं, विकास, वृद्धि, उचित वातावरण, अपना भला-बुरा समझने की क्षमता, स्वयं सेवी संस्थाए, अलवर जिला, आर्थिक रूप से, शैक्षिक रूप से, बालकों के शिक्षित क्रम, शिक्षण समाग्री, आवागमन खर्च, शिक्षकों का वेतन, शिक्षकों की योग्यता, कक्षा - कक्ष अभाव, सामाजिक लोगो का सहयोग, पिछड़े इलाकों के बालकों