लोकतन्त्र का वैश्विक परिदृश्य एवं चुनौतियाँ : एक विश्लेषण
विश्व में लोकतंत्र: विश्लेषण और चुनौतियाँ
by डॉ० एम० ए० खान*, डॉ० आबिदा खातून,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 18, Issue No. 1, Jan 2021, Pages 394 - 397 (4)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
लोकतंत्र शब्द बोलने में छोटा परंतु इसका अर्थ उतना ही बड़ा और जटिल निकलता है। डेमोक्रेटिक शब्द यूनानी भाषा के डेमोस )Demos) और क्रेटिया )Cratia) यह 2 शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है लोग और शासन, शाब्दिक अर्थ में जनता का शासन। लोकतन्त्र की परिभाषा के अनुसार यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”। अर्थात लोकतन्त्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अन्तर्गत जनता अपनी इच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को अपना वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है और उनकी सरकार बना सकती है। लोकतंत्र केवल राजनीतिक ,सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का प्रकार ही नहीं बल्कि जीवन के प्रति विशेष दृष्टिकोण मैं भी उसका नाम है। लोकतंत्र में सभी व्यक्तियों को एक दूसरे के प्रति वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा व्यवहार अपने प्रति पसंद लोगों से करते हैं। अमेरिका सहित सभी लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं वाले देशों में इसी विभेद को आधार बनाकर राजनीति की जा रही है। अश्वेतों तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों के ऊपर घातक हमलों की घटनाओं ने अविश्वास तथा अनिश्चितता के वातावरण का निर्माण किया है। इसी बीच ऐसे कानूनों का निर्माण किया जा रहा है जिनसे अश्वेत तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों में कटौती की जा सके तथा इस सबके माध्यम से शासन सत्ता पर एकाधिकार स्थापित किया जा सके।
KEYWORD
लोकतंत्र, विश्लेषण, जनता, दल, राजनीति, व्यवस्था, अविश्वास, अनिश्चितता, अधिकारों, शासन