बाल्मीकि के राम: विविध आयाम

वाल्मीकीय रामायण: संस्कृत साहित्य के विभिन्न आयाम

by Dr. Meena Sharma*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 19, Issue No. 1, Jan 2022, Pages 112 - 114 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

वाल्मीकीय रामायण संस्कृत साहित्य का एक आरम्भिक महाकाव्य है जो संस्कृत भाषा में अनुष्टुप छन्दों में रचित है। इसमें श्रीराम के चरित्र का उत्तम एवं वृहद् विवरण काव्य रूप में उपस्थापित हुआ है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित होने के कारण इसे ‘वाल्मीकीय रामायण’ कहा जाता है। वर्तमान में राम के चरित्र पर आधारित जितने भी ग्रन्थ उपलब्ध हैं उन सभी का मूल महर्षि वाल्मीकि कृत ‘वाल्मीकीय रामायण’ ही है। SC, ST, OBC आदि सामाजिक रूप से पिछड़ी जातियों केा मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम से अलग करे नहीं देखा जा सकता है। जब राम स्वयं अलग नहीं हुए तो ये छद्य सेक्यूलर बुद्धिजीवी राजनीतिक पूर्वाग्रहों के कारण कैसे अलग कर सकेत हैं?

KEYWORD

वाल्मीकीय रामायण, संस्कृत साहित्य, अनुष्टुप छन्द, चरित्र, ग्रन्थ