मलिन बस्तियाँ: पर्यावरण पर प्रभाव (ग्वालियर जिले की केस स्टडी)

एक नगर में मलिन बस्तियों का प्रभाव और उनका उन्नयन

by Dr. Swati Verma*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 19, Issue No. 1, Jan 2022, Pages 115 - 125 (11)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

नगरों में रहना, आधुनिक मानव पारिस्थितिकी का मुख्य आधार है। पिछले कुछ दशकों में शहरों की वृद्धि और विस्तार शीघ्रता से हुआ है। शहर रोजगार और शिक्षा का स्रोत हैं और वे आर्थिक वृद्धि का केन्द्र भी हैं तथापि वे गरीबी, असमानता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य आपदाओं का भी स्रोत हैं। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ जिस तरह नगरीकरण तथा औद्योगीकरण ने प्राकृतिक और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न की हैं उनमें मलिन बस्तियाँ भी एक ज्वलंत समस्या है। मलिन बस्तियों का विकास परिस्थितिवश उत्पन्न एक समस्या है जिसमें समुदाय का एक बड़ा वर्ग हिस्सा लेता है। झुग्गी एक अत्यधिक आबादी वाला शहरी आवासीय क्षेत्र है जिसमें ज्यादातर खराब, अधूरे पड़े अधोसंरचना की स्थिति में आवासहीन इकाइयाँ हैं, जो मुख्य रूप से गरीब लोगों द्वारा बसाईं गईं हैं। यह शहर का एक हिस्सा है जहां आवास की गुणवत्ता कम है और रहने की स्थिति खराब है। इस शोध पत्र में स्लम की पर्यावरणीय समस्याओं और अनौपचारिक अधिवासों की संरचना से परिचित कराया जाएगा और उसका विश्लेषण किया जाएगा। इसके साथ-साथ मलिन बस्तियों के उन्नयन के उपाय भी सुझाएँ जाएँगे।

KEYWORD

मलिन बस्तियाँ, पर्यावरण प्रभाव, ग्वालियर जिला, नगरीकरण, समाजिक समस्याएँ, झुग्गी, पर्यावरणीय समस्याएँ, अनौपचारिक अधिवास, उन्नयन

ऩरयिम (INTRODUCTION):

औद्मोगीकयण एलॊ नगयीकयण को नगयों भे अनेक वभतमाओॊ को उत्ऩन्न कयने का श्रेम हदमा जाता शै। इनभें गॊदी फस्ततमाॉ बी एक प्रभुख वभतमा शै। लाततवलकता मश शै कक प्रत्मेक वभाज एलॊ प्रत्मेक याटट्र भें मश वभतमा ऩाई जाती शै। बरे शी इवका तलरूऩ सबन्न शो, अॊतय केलर भात्रा का शो वकता शै। बायत के वलसबन्न नगयों भें गॊदी फस्ततमों का नाभ ऩृथक्-ऩृथक् शै। उदाशयणतलरूऩ कोरकाता भें तरभ को फतती, हदल्री भें इवे झुस्ग्ग-झोऩड़ी,

भुम्फई भें िॉर मा झोंऩड़ऩट्टी, िेन्नई भें ऩेयी, फैंगरोय भें keris

तथा कानऩुय भें इवे अशाता कशा जाता शै। बायत भें तरभ के नाभ भें बरे शी षेत्रीम सबन्नता ऩाई जाती शो रेककन इन वबी भसरन फस्ततमों भें बौततक वलळेऴता वभान ऩाई जाती शै। तरभ को ‗एक आलावीम षेत्र के रूऩ भें ऩरयबावऴत ककमा जा वकता शै, जशाॊ आलाव जीणथता, अततलृस्टट, लेंहटरेळन मा तलच्छता वुवलधा की कभी औय अतलच्छ ऩरयस्तथततमों भें ऩीने के ऩानी की अवुवलधा के कायण भानल आलाव के सरए अमोग्म शैं।‘ जफकक बायत की अथथव्मलतथा भें वऩछरे कई दळकों वे रगाताय उछार आ यशा शै औय तलच्छ बायत असबमान (तलच्छ बायत सभळन) दूवये लऴथ भें प्रलेळ कय यशा शै। वलश्ल भें 360 सभसरमन गयीफ नागरयक शैं जो वफवे अचधक जीणथ ऩरयस्तथततमों भें यशते शैं। भसरन फस्ततमाॉ शभाये देळ का अऩरयशामथ औय अॊधकायभम ऩष फन गई शैं। गॊदी फस्ततमों की वभतमा ने लतथभान वभम भें याटट्रव्माऩी रूऩ धायण कय सरमा शै। इव एक वभतमा ने अनेक वाभास्जक वभतमाओॊ का पैराल कयने भें प्रभुख बूसभका तनबाई शै। िूॉकक इन फस्ततमों भें भध्मभ एलभ् तनम्न लगथ के ऩरयलाय यशते शैं तथा इनकी आम के स्रोत एलभ् आम इतनी वीसभत यशती शै स्जववे मे अऩने ऩरयलाय के वदतमों का बयण-ऩोऴण वुिारू रूऩ वे नशीॊ कय ऩाते। इन फस्ततमों भें अऩयाध, फार-अऩयाध, लैश्मालृस्त्त, भद्मऩान, भादक रव्मों को यखने का तथर एलभ् अन्म अनैततक कामथ शोते शैं औय गॊदी फस्ततमाॊ अनैततकता का अड्डा फन जाती शैं। इन फस्ततमों भें आधायबूत वुवलधा जैवे ऩानी, शला, त्रफजरी, योळनी, तनानगृश की कभी ल ळौिारम, अऩमाथप्त जर तनकावी की व्मलतथा एलॊ ठोव अऩसळटट ल

किये के तनऩटान आहद की उचित व्मलतथा न शोने के कायण

दलाइमाॊ ल इराज की व्मलतथा न शोने के कायण नायकीम जीलन व्मतीत कयना ऩड़ यशा शै।

गॊदी फस्स्त्तमों की ऩरयबाषा

गॊदी फस्ततमों की ऩरयबाऴा देना कहठन शै रेककन कपय बी कुछ वलद्लानों ने इव वॊफॊध भें अऩने वलिाय तनम्नसरखखत अनुवाय हदए शैं-

1. गॊदी फतती (Slum) को ऩरयबावऴत कयते शुए फगेर (Bergel) ने सरखा शै, ―Slums may e characterized as areas of sub-standard housing conditions within a city ‖ इव ऩरयबाऴा वे मश तऩटट शोता शै कक गॊदी फतती (Slum) एक षेत्र शै न कक neglected building वाथ शी इव ऩरयबाऴा वे मश

बी तऩटट शोता शै कक महद नगय के फीि तनम्न तनलाव व्मलतथा ऩाई जाए तो उवे गॊदी फतती कशा जा वकता शै। 2. सॊमुतत याटर सॊघ के अनुसाय- ―गॊदी फतती एक भकान, भकानों का एक वभूश मा षेत्र शै स्जवकी वलळेऴता बीड़बाड़मुतत, अतलातथ्मकय दळा तथा वुवलधाओॊ का अबाल शै। इन दळाओॊ मा इनभें वे ककवी एक के कायण इवके यशलासवमों के तलातथ्म, वुयषा एलॊ नैततकता को खतया उत्ऩन्न शो जाता शै।― 3. बायत सेिक सभाज के अनुसाय- ―गॊदी फतती उव षेत्र को कशा जा वकता शै, जो अतत-व्मतत फवा शो, अव्मलस्तथत रूऩ वे वलकसवत शो तथा वाभान्म रूऩ भें लश षेत्र जनाचधतम ल बीड़बाड़मुतत शो, टूटे-पूटे भकान शों तथा उनकी भयम्भत के प्रतत उऩेषा फयती गई शो।―

The definition used in the 2001 Census for 2011 Census. The definitions of different types of Slums and code to be assigned are as follows: I. All notified areas in a town or city notified as ‗Slum‘ y state, UT Administration or Local Government under any Act including a ‗Slum Act‘ may e considered as Notified Slums and assigned code 1; II. All areas recognized as ‗Slums‘ y state, UT Administration or Local Government, Housing and Slum Boards, which may have not been formally notified as Slum under any act may be considered as recognized Slums and assigned code 2; environment usually with inadequate infrastructure and lacking in proper sanitary and drinking water facilities. Such areas should be identified personally by the charge officer and also inspected by an officer nominated by DCO. This fact must be duly recorded in the charge register. Such areas may be considered as identified slums and assigned code 3; (Census of India 2011-Circular no.8)

‘UNITED NATION HABITAT’ ने तरभ ऩरयलायों को स्जन्शें वभूश के रूऩ भें चिस्न्शत ककमा शै जो ळशयी षेत्रों भें एक शी छत के नीिे यशने लारे व्मस्तत शैं। इनके ऩाव एक मा एक वे अचधक ऩरयस्तथततमों की कभी शोती शै, स्जवका लणथन ककमा शै् • तथामी हटकाऊ आलाव जो प्रकृतत की अत्मचधक खयाफ जरलामु स्तथतत वे यषा कय वके। • ऩमाथप्त यशने की जगश, स्जवका अथथ शै कक तीन रोगों वे अचधक व्मस्तत एक शी कभये को वाषा न कये। • ऩमाथप्त भात्रा भें वुयक्षषत ऩानी तक आवान ऩशुॉि जो ककपामती भूल्म ऩय सभर वके। • तनजी तथा वालथजतनक ळौिारमों भें वपाई की ऩमाथप्त व्मलतथा तथा ऩशुॉि शो स्जवे उचित वॊख्मा भें रोगों द्लाया वाझा ककमा जा वके। • कामथकार की वुयषा स्जवभें कामथयत व्मस्तत की कामथ

वे फेदखरी को योका जाए (Slum Dwellers to double by 2030% United Nations Human Settlements Programme (UN-HABITAT) report, April 2007)

Fig. Framework for studing and understanding slums.

तरभ भें जैवे-जैवे बीड़ फढ़ता शै ऩमाथलयण ज्मादा प्रदूवऴत शोता शै औय ऩरयणाभतलरूऩ मशाॉ ज्मादा किया, गॊदगी औय भरोत्वजथन शोता शै। तरभ का बौततक लातालयण वुवलधाओॊ के ऩरयणाभ ऩय तनबथय कयता शै स्जवभें यशने की वुवलधा, उऩरफद्ध ऩानी, ळौिारम, जर तनकावी औय प्रकाळ व्मलतथा, दुबाथग्म वे प्रदूऴण के उच्ि ततय, फुतनमादी जरूयतों की कभी औय कभयों भें बीड़- बाड़ तरभ आलाव की कुछ फुतनमादी वलळेऴताएॊ शैं। • इन फस्ततमों भें तलातथ्म एलभ् वपाई का अबाल ऩामा जाता शै। • इन फस्ततमों भें भकानों भें बीड़बाड़ शोना आभ फात शै। • इनभें तनलाव कयने लारे ऩरयलायों का जीलन ततय तनम्न शोता शै। • इन फस्ततमों भें यशने लारे भजदूयी ल तनम्न ततय का व्मलवाम कयने लारे शोते शैं। • इन फस्ततमों की फवालट भें वयकाय की तलीकृतत नशीॊ शोती शै। • इन फस्ततमों भें ऩानी शेतु नर, त्रफजरी, ळुद्ध शला, अच्छे ऩतके यातते नशीॊ शोते शैं। • इन फस्ततमों के तनलावी असळक्षषत, असानी ल आऩयाचधक प्रलृस्त्त भें सरप्त शोते शैं। • इन फस्ततमों भें अवाभास्जक कामथ एलभ् अऩयाध शोते यशते शैं। • गन्दी फस्ततमों भें यशने लारे व्मस्तत तलमॊ की वपाई तथा तलच्छता का ध्मान नशीॊ यखते। • गॊदी फतती भें यशने लारे ळयाफ, धूम्रऩान ल अन्म नळे के आदी शोते शैं।

Fig. Conceptual model for integrating social and physical constructs to monitor, analyze and model slums.

ग्िाशरमय स्जरे भें स्त्रभ की स्स्त्थतत्

ग्लासरमय भें स्तथत तरभ की स्तथतत आभ तरभों (typical slums) वे सबन्न शै औय लश मश शै कक इन तरभों भें ज्मादातय

तनभाथण तथामी शैं, औय कुछ तो वाठ वारों वे बी अचधक ऩुयाने शैं। ग्लासरमय स्जरे भें 11,70,060 की कुर नगयीम जनवॊख्मा भें 1,88,009 व्मस्तत भसरन फस्ततमों भें यशते शै जो कुर नगयीम जनवॊख्मा का 16.07% शै। वऩछोय नगय भें वफवे ज्मादा तरभ जनवॊख्मा ऩामा जाता शै जो 61.69% शै लशीॊ आॊतयी नगय भें वफवे कभ तरभ जनवॊख्मा 5.53% शै। ग्लासरमय की रगबग एक ततशाई आफादी (रगबग 33.7%) झुस्ग्गमों भें यशती शै जशाॉ फुतनमादी वुवलधाओॊ जैवे ऩानी, तलच्छता औय तलातथ्म वुवलधाओॊ की ऩशुॉि नाकापी शै। खुरे भें ळौि एक आभ फात शै जो इन वभुदामों के तलातथ्म औय ऩमाथलयण के सरए एक फड़ा खतया शै। इन भसरन फस्ततमों भें तलातथ्म औय तलच्छता के त्रफगड़ते शारात को देखते शुए, नगय तनगभ ग्लासरमय ने तलच्छता की वुवलधा को वफवे वॊलेदनळीर तथान प्रदान कयने का तनणथम सरमा स्जवभें वॊमुतत याटट्र शैत्रफटैट औय लाटय एड इॊड़डमा के वाथ एक त्रत्रऩषीम वाझेदायी के भाध्मभ वे आफादी को तलच्छता की वुवलधा भुशैमा कयाई जाए। नगय तनगभ ग्लासरमय ने भसरन फस्ततमों की तलच्छता के सरए एक ऩमाथलयण तलच्छता असबमान िरामा स्जवके भाध्मभ वे 16 भसरन फस्ततमों की ऩशिान की गई स्जवका

स्तथतत अनुवाय वलश्रेऴण ककमा जाएगा। रक्ष्भणऩुया झुग्गी

रक्ष्भणऩुया ळशय के फीिोंफीि स्तथत एक 150 वार ऩुयानी झुग्गी शै, स्जवभें ज्मादातय रोग आभतौय ऩय अकुळर श्रभ के भाध्मभ वे जीलनमाऩन कयते शै। तरभ भें तलच्छता की स्तथतत फशुत खयाफ थी। अचधकाॊळ रोग ळौि के सरए ऩाव के येरले टैªक का उऩमोग कयते शैं, जो कई फाय गॊबीय दुघथटनाओॊ का कायण फनता शै। इव झुग्गी भें तलच्छता को फेशतय फनाने के सरए भुख्म िुनौती मश थी कक रोग खुरे भें ळौि वे वॊतुटट थे औय ले इवभें कोई फदराल नशीॊ िाशते थे।

TABLE: PROPORTION OF SLUM POPULATION IN TOWN, 2011

ग्िाशरमय स्जरे भें स्त्रभ विकास के कायण (REASONS FOR DEVELOPMENT OF SLUMS):

तरभ की घटना कोई नई नशीॊ शै। ले अचधकाॊळ ळशयों के इततशाव का हशतवा यशे शै, खावकय ळशयीकयण तथा औद्मोचगकीकयण के ळुरूआती लऴों भें जनवॊख्मा भें उछार आमा शै। तरभ आभतौय ऩय ळशयों भें गयीफों के सरए वतती औय वुरब एकभात्र फतती शैं, जशाॉ जभीन औय भुनापे के सरए प्रतततऩधाथ तीव्र शै। झुस्ग्गमाॊ वलकसवत शोने के दो भुख्म कायण शैं: जनवॊख्मा लृवद्ध औय ळावन। जशाॉ तक गॊदी फतती की उत्ऩस्त्त मा वलकाव के कायकों का प्रश्न शै, मश कशा जा वकता शै कक मश वभतमा ककवी एक कायक की उऩज नशीॊ शै। 1. जनसॊख्मा की िृवि दय (र्हयीकयण):- वफवे ऩशरे बायतीम जनवॊख्मा की लृवद्ध दय फशुत अचधक शै औय मश वलकाव दय ळशयी षेत्रों भें फशुत अचधक शै तमोंकक फड़ी वॊख्मा भें ग्राभीण षेत्रों वे ळशयों की ओय रोगों का ऩरामन शोता शै। गयीफी, फेयोजगायी, अन्म वुवलधाओॊ की कभी औय भशत्लऩूणथ रूऩ वे अऩनी स्तथतत को ऊॉिा की तयश शोता शै। ळशयी षेत्रों भें फढ़ती जनवॊख्मा के वाथ नागरयक वुवलधाओॊ की वलकाव दय भें तेजी नशीॊ शै। वलकाव दय भें मश अॊतय भसरन फस्ततमों के वलकाव के सरए अनुकूर ऩरयस्तथततमाॉ प्रदान कयता शै। 2. खयाफ आिास मोजना्- वतती कभ रागत लारे आलावों की कभी औय वयकाय द्लाया खयाफ मोजना, भसरन फस्ततमों के आऩूततथ ऩष को प्रोत्वाहशत कयती शैं। अऩमाथप्त वलत्तीम वॊवाधन औय वयकायी नौकयळाशी भें वभन्लम की कभी गयीफ आलाव मोजना के दो भुख्म कायण शैं। 3. गाॉिों का धीभा विकास्- बायत भें गाॊलों का वलकाव फुतनमादी आलश्मकता के ततय ऩय बी नशीॊ ककमा जाता शै, औय आज बी रोग ऩानी, त्रफजरी औय कई अन्म फुतनमादी वुवलधाओॊ की कभी का वाभना कय यशे शैं। ग्राभीण षेत्रों भें वुवलधाओॊ की मश कभी रोगो को ळशयी षेत्रों भें ऩरामन कयने के सरए भजफूय कयती शै, स्जववे ळशयी आफादी ऩय दफाल फढ़ता शै। शाराॊकक मश भसरन फस्ततमों की उत्ऩस्त्त के सरए फशुत तऩटट कायण नशीॊ शै, रेककन मश अबी बी उनभें वे एक शैं। 4. िोि की याजनीतत्- लोट की याजनीतत बी भसरन फस्ततमों का वभथथन कयती शै। भसरन फस्ततमों को शटाने वे याजनेता के हशतों का टकयाल शोता शै। तरभ आफादी के ऩाव आवान लोट फैंक की एक अच्छी भात्रा शै औय याजनेता िाशते शैं कक ले लैवे शी यशें, तमोंकक उनके उत्थान औय सळषा वे उनके लोट फैंक को नुकवान शोगा। 5. र्हयों भें घयों का उच्ि क्रकयामा दय्- गयीफ रोग स्जनभें वे अचधकाॊळ ग्राभीण षेत्रों वे आते शैं, कतफों भें घयों के उच्ि ककयाए का बुगतान कयने भें वषभ नशीॊ शैं। इवसरए जशाॊ बी उन्शें कोई बूसभ, वालथजतनक मा तनजी रगती शै, ले अतथामी झोंऩड़ड़मों भें यशने रगते शैं, जैवे-जैवे वभम फढ़ता शै, अचधक वे अचधक रोग उनवे जुड़ते शैं औय मश षेत्र जल्द शी तरभ भें वलकसवत शोता शै। 6. र्यणाचथय्- बायत के कुछ तरभ इराके ळयणाचथथमों

द्लाया फवाए गए शैं। एक फाय जफ एक षेत्र को झुग्गी

वयकाय द्लाया भसरन फस्ततमों की मोजना नशीॊ फनाई जा वकती शै, रेककन गाॊल के वलकाव के प्रतत इवका गैय स्जम्भेदायाना यलैमा झुग्गी तनभाथण का भूर कायण शै। इवसरए झुस्ग्गमों को खत्भ कयने का एकभात्र तयीका गाॊलों वे ळशयी षेत्रों भें ऩरामन को योकना शै। शाराॉकक, मश वभतमा को नशीॊ सभटाएगा रेककन वभतमा के वभाधान भें कुछ मोगदान अलश्म कयेगा। छोटे ळशयों भें योजगाय वृजन औय ळशयी तनमोजन बी उतना शी भशत्लऩूणथ कदभ शोगा।

अध्ममन ऺेत्र (RESEARCH AREA)

ग्लासरमय स्जरा भध्मप्रदेळ के उत्तयी बाग भें स्तथत शै, स्जवकी बौगोसरक स्तथतत 25°45‘ उत्तयी अषाॊळ वे 26°15‘ उत्तयी अषाॊळ औय 77°39‘ ऩूली देळाॊतय वे 78°22‘ ऩूली देळाॊतय के भध्म रगबग अण्डाकाय आकृतत भें पैरा शुआ शै। ग्लासरमय स्जरे की धयातरीम स्तथतत वऩाट न शोकय ऊॉिी-नीिी शै अत् इवकी धयातरीम ऊॉिाई उत्तयी-ऩूली हदळा भें 663 पीट (नीिा) तथा दक्षषण-ऩस्श्िभ हदळा भें 1360 पीट (ऊॉिा) शै। ऊॉिाई ऩूलथ वे ऩस्श्िभ की ओय फढ़ती जाती शै। इवकी ऩूलथ वे ऩस्श्िभ तक िौड़ाई रगबग 93.5 कक.भी. तथा उत्तय वे दक्षषण की तयप रम्फाई 47.21 कक.भी. शै। इवका कुर बौगोसरक षेत्रपर 4,560 लगथ कक.भी. शै जो कक भध्म प्रदेळ के कुर षेत्रपर का 1.48 प्रततळत शै। इवकी वभुर तर वे औवत ऊॉिाई 205 वे 212 भीटय के भध्म शै रेककन स्जरा के ऩशाड़ी षेत्र भें कशीॊ-कशीॊ ऊॉिाई 400 भीटय तक शै। मशाॉ की कुर जनवॊख्मा 20,32,036 शै स्जवभें 8,82,258 ऩुरूऴ तथा 7,47,623 भहशरामें शै। ग्लासरमय स्जरे की दळकीम लृवद्ध दय 24.41% शै।

Figure: Location map of Gwalior District

एक झुग्गी, स्जवे आभतौय ऩय बायत भें झुग्गी-झोऩड़ी कशा जाता शै, आलावीम षेत्र शै जशाॉ अतत बीड़, लेंहटरेळन की कभी, प्रकाळ औय वैतनटयी वुवलधाओॊ की कभी, अतलच्छ स्तथतत औय अन्म कायकों के कायण आलाव वुयषा, तलातथ्म औय नैततकता के सरए शातनकायक शैं। टाउन एॊड कॊट्री प्रातनॊग ऑगेनाइजेळन के अनुभानों के अनुवाय, ळशयी आफादी का रगबग 21.2% भसरन भस्ततमों भें यशता शै। मश अनुऩात कोरकाता, भुॊफई जैवे भशानगयीम ळशयों भें औय बी अचधक शै, ऩशरा वलार जो मशाॉ उठता शै लश मश शै कक भसरन फस्ततमों का वलकाव कैवे शुआ, उनके वलकाव के सरए तमा आलश्मकताएॊ शैं। कुछ कायकों की ककतभें शैं जो भसरन फस्ततमों के तनभाथण भें भदद कयती शैं। ळशयीकयण औय ऩरामन ने ळशयी भसरन फस्ततमों की वभतमा ऩैदा कय दी शै, स्जवभें गयीफी औय फेयोजगायी वश-अस्ततत्ल भें शैं, इवके अराला ऩानी औय तलच्छता की उऩरब्धता वहशत कई अन्म वभतमाएॊ शै। 486 घयों के प्राथसभक वलेषण के आधाय ऩय, अध्ममन का उद्देश्म भध्म प्रदेळ भें ग्लासरमय ळशय की गयीफी औय गयीफी की स्तथतत का ऩता रगाना शै। अध्ममन भें ऩामा गमा शै कक ग्लासरमय भें अचधकाॊळ श्रसभक आकस्तभक मा दैतनक भजदूयी योजगाय भें रगे शुए शैं। वलश्रेऴण वे ऩता िरता शै कक ग्लासरमय की भसरन फस्ततमों भें गयीफी 1999-2000 की गयीफी येखा के अनुभान के आधाय ऩय रगबग 68 प्रततळत शै औय 2005 के अनुभानों के आधाय ऩय रगबग 80 प्रततळत शै। अत् भसरन फस्ततमों की वॊख्मा भें उत्तयोत्तय लृवद्ध औय उववे उत्ऩन्न ऩमाथलयणीम वभतमाओॊ के कायण भेया ध्मान इव ओय आकृटठ शुआ स्जववे भैं अऩने ळोध ऩत्र ―भसरन फस्ततमाॉ: ऩमाथलयण ऩय प्रबाल― के भाध्मभ वे उत्ऩन्न वभतमा औय वभतमा के तनलायण शेतू वुझाल प्रततुत कय वकूॉ।

विचध तॊत्र (METHODOLOGY)

ळोध ऩत्र भें ळोधाथी ने प्राथसभक औय द्वलतीमक दोनों प्रकाय के डाटा का उऩमोग ककमा शै स्जवभें प्राथसभक डाटा के अन्तगथत अलरोकन एलॊ वाषात्काय इत्माहद भाध्मभों को अऩनामा औय

द्वलतीमक डाटा के अन्तगथत ब्भदेने ल Census of India 2011, District Census Handbook Gwalior, UNITED NATION HABITAT Report, स्जरा वाॊस्ख्मकी ऩुस्ततकाएॉ,

वभािाय ऩत्र-ऩत्रत्रकाएॉ एलॊ ऩुततकें वस्म्भसरत शै स्जवका अध्ममन कय ळोधवभतमा को उजागय कयने का प्रमाव ककमा

गमा शै। Objective: मश अध्माम तरभ षेत्र की केव तटडी को दळाथता शै,

तथा मश ग्लासरमय नगयीम षेत्र के वलसबन्न लाडथ के रोकेळन को बी दळाथता शै। वूक्ष्भ रूऩ वे तरभ की दळा फशुत खयाफ शै। मश अध्ममन वुझाल बी देगा कक ककव तयश वे तरभ भें फेशतय जीलन की गुणलत्ता के सरए नीततमाॉ फनाई जाएॊ। ग्लासरमय नगयीम षेत्र भें तरभ का पैराल दूय तक शुआ शै। तरभ का लतथभान अध्ममन ग्लासरमय नगय तनगभ वीभा तक वीसभत शै। ग्लासरमय नगय तनगभ वीभा भें 1417 कॉरोनी वहशत कुर 60 लाडथ शै। 60 लाडथ भे वे रगबग 48 लाडथ भें तरभ जैवी स्तथतत ऩाई जाती शै स्जवभें 149 कॉरोनी आती शै। मश लाडो का 80 प्रततळत औय कॉरोतनमों का 10.5 प्रततळत प्रतततनचधत्ल कयता शै। ग्लासरमय नगय तनगभ षेत्र की कुर जनवॊख्मा 10,53,505 (2011 ब्भदेने) शै। इनभें वे तरभ की जनवॊख्मा 4,62,045 शै जो कुर जनवॊख्मा का 43.9 प्रततळत शै। ग्लासरमय नगय तनगभ षेत्र भें कॉरोनी की कुर वॊख्मा भें 10.5 प्रततळत कॉरोनी तरभ की शै। जफकक जनवॊख्मा का अनुऩात 43.9 प्रततळत शै। इवका अथथ शै कक तरभ कॉरोनी वलततृत शै औय

इनभें जनवॊख्मा का घनत्ल वघन शै। मशाॉ 12 लाडथ शै जो Slum

की तयश प्रतीत नशीॊ शोते। मश लाडथ सवटी वेंटय भें औय इवके आव-ऩाव स्तथत शै, जशाॉ नमा नगयीम षेत्र वलकसवत शुआ शै। घने रूऩ भें तरभ ऩुयाने ळशय ग्लासरमय, रश्कय (कम्ऩू) औय केन्रीम व्माऩारयक षेत्र भशायाज फाड़ा के ऩाव अलस्तथत शै।

Table: Slums Population in GMC

Slum in Gwalior Slum of Gwalior Fort Case-1: भाण्डये की भाता (कैंसय ऩहाड़ी)

भाण्डये की भाता तरभ षेत्र कम्ऩू षेत्र (रश्कय) स्तथत कैंवय ऩशाड़ी ऩय अलस्तथत शै। मश नमा अततक्रभण षेत्र शै, जशाॉ रोग 15 वार ऩशरे ग्लासरमय ळशय औय उवके आव-ऩाव के ग्राभीण षेत्रों के वलसबन्न बागों वे प्रलाव कयके आए। अचधकतय रोग नौकयी की तराळ भें प्रलाव कयके आए औय मशीॊ फव गए। इव केव तटडी भें 24 तरभ के ऩरयलायों को सरमा गमा। प्रश्नालरी की वॊयिना तैमाय की गई औय वबी ऩरयलायों का वाषात्काय सरमा गमा। इनभें भुख्म प्रश्न उठा- वाषयता, आम, नौकयी, तलातथ्म ऩरयस्तथतत, ऩमाथलयणीम दळा, जर की गुणलत्ता औय उऩरब्धता, तकूर औय अतऩतार की उऩरब्द्धता ळासभर शै। इव षेत्र भें कुर स्जतने बी रोग यशते शै उनभें वे केलर िाय रोगों के ऩाव वयकायी नौकयी मा अन्म नौकयी शै। फाकी वफ रोगों के ऩाव मा तो नौकयी नशीॊ शै मा कपय ले दैतनक लेतन ऩय भजदूयी का काभ कयते शै औय आम कभाते शै। घय अतथाई रूऩ वे फना शुआ शै, सवपथ तीन घय ईंट औय कॊक्रीट के फने शुए थे। अतथाई घयों की स्तथतत कापी दमनीम थी। फयवात के भौवभ के दौयान तरभ भें यशने लारों के सरए फशुत वी वभतमाएॉ खड़ी शो जाती शैं स्जवकी स्तथतत कापी दमनीम शोती शै। मशाॉ ऩय ऩीने के ऩानी के वलसबन्न तत्रोत शैं। तीन ऩरयलाय ऩीने का ऩानी नर वप्राई के द्लाया तथा आठ ऩरयलाय शैंड ऩम्ऩ वे ऩीने का ऩानी रेते शैं। अचधकतय ऩरयलाय ऩानी के टैंकय वे ऩानी रेते शैं। जफ ऩानी की वप्राई अऩमाथप्त यशती शै, तो रोग कापी दूय वे िरकय ऩानी राते शैं। ऩानी की गुणलत्ता फशुत खयाफ शोती शै तथा फशुत प्रदूवऴत बी यशता शै। वबी ऩरयलाय दूवऴत ऩानी ऩीने के सरए वललळ शैं स्जवके ऩरयणाभतलरूऩ ले जर

जतनत योगों वे जूझ यशे शैं।

ऩाव कुछ जरूयत का वाभान ऩामा गमा। मशाॉ तक कक जानलयों के वम्फॊध भें सवपथ एक ऩरयलाय के ऩाव गाम शै। एक छोटे वे षेत्र भें अतथाई घय के अराला कोई दूवया तथान नशीॊ शै। मश तरभ कैंवय ऩशाड़ी ऩय स्तथत शै, तरभ के फाशय वड़क की स्तथतत अच्छी शै रेककन आलावीम षेत्र के अॊदय स्तथतत खयाफ शै अचधकतय फयवात के भौवभ भें। मशाॉ त्रफजरी की आऩूततथ ऩमाथप्त नशीॊ शै। केलर तीन ऩरयलायों ने जलाफ हदमा कक त्रफजरी की आऩूततथ अच्छी शै। तमोंकक रोग आचथथक रूऩ वे गयीफ शै इवसरए अतऩतार की उऩरब्द्धता कभ शै, केलर ग्मायश ऩरयलाय ने जलाफ हदमा कक ले अतऩतार वुवलधा का राब उठा यशे शैं। तकूर की वुवलधा बी मशाॉ नशीॊ शै। केलर तीन ऩरयलायों के ऩाव अऩने फच्िों के सरए तकूर की वुवलधा उऩरब्द्ध शै। इवसरए वाषयता की दय कभ शै। ऩुयी जनवॊख्मा भें 112 रोग वाषय शै स्जवभें वे ऩुरूऴ जनवॊख्मा 59 औय भहशरा जनवॊख्मा 53 शै। दो वभम के बोजन के सरए, अट्ठायश ऩरयलाय के ऩाव ऩमाथप्त खाना शै। 15 वार ऩशरे, कुछ रोग ग्लासरमय ळशय औय उवके आव-ऩाव के नगयों तथा गाॉलों वे प्रलाव कयके आए शैं। रगबग 50 प्रततळत ऩरयलाय आव-ऩाव के षेत्रों वे प्रलाव कयके आए शैं। ऩरयलायों की भशीने की आम 2000 वे 7000 के फीि शै। मद्मवऩ, जो तरभ कम्ऩू षेत्र के भध्म भें स्तथत शै लश वड़क औय त्रफजरी के खम्फों वे अच्छी तयश वे जुड़ा शुआ शै। रेककन अन्म षेत्रों के तरभों की प्रभुख वभतमा मश शै कक ले वड़क, त्रफजरी, ऩानी इत्माहद की वुवलधाओॊ एलॊ उऩरब्द्धता की ऩशुॉि वे ऩये शै। अचधकतय रोगों के ऩाव तथाई आलाव नशीॊ शै। गम्बीय वभतमा गभी, वदी औय धूर की शै जो शभेळा उनके वाथ यशती शै औय ऩरयणाभत् फशुत वाये रोग अतलतथ शैं। रगबग 50 प्रततळत रोगों ने जलाफ हदमा कक उनकी तलातथ्म दळा फशुत खयाफ शै।

ENVIRONMENTAL IMPACT DUE TO SLUM:

ऩमाथलयण लश इकाई शै स्जवभें भानल के वलकाव के सरए आलश्मक वॊवाधन प्राप्त शोते शैं। मश बी कश वकते शै कक भानल वलकाव भें ऩमाथलयण एक भशत्लऩूणथ बूसभका तनबाता शै। ळशयी षेत्र अनेक ऩमाथलयणीम िुनौततमों का वाभना कयते शैं। मद्मवऩ षेत्रलाय इन वभतमाओॊ का ऩैभाना एलॊ इनकी तीव्रता भें अॊतय शोता शै। भानल जीलन की गुणलत्ता ऩय इनका प्रबाल भशत्लऩूणथ शोता शै। ळशयी षेत्र की ऩमाथलयणीम िुनौततमाॉ गॊबीय शोती शैं औय तलातथ्म, प्राकृततक वॊवाधनों औय वाभास्जक-आचथथक प्रदळथन ऩय इनका भशत्लऩूणथ प्रबाल ऩड़ता शै। फस्ततमों का प्रश्न शै भसरन फस्ततमों भें आधायबूत वुवलधाओॊ की कभी यशती शै स्जवके कायण ले अऩनी आलश्मकताओॊ की ऩूततथ शेतू अऩने ततय ऩय एैवे कामथ कयते शै स्जवका प्रबाल ऩमाथलयण ऩय ऩड़ता शै। तरभ के वलसबन्न कामथकराऩ का प्रबाल ऩमाथलयण के दोनों ऩषों ऩय ऩड़ता शै िाशे लश बौततक ऩमाथलयण शो मा कपय वाभास्जक ऩमाथलयण।

भशरन फस्स्त्तमों का बौततक ऩमायियण ऩय प्रबाि

तरभ तनलावी अबालों के वाथ जीते शैं उनके ऩाव भूरबूत वुवलधाएॊ बी नशीॊ शोती शैं। इन षेत्रों की जनवॊख्मा वेस्प्टक टैंक लारे तनजी ळौिारम, वालथजतनक ळौिारम औय फड़ा बाग खुरे भें ळौि का इततेभार कयता शै। तरभों भें भर तनमाथव प्रणारी का ऩूणथत् अबाल यशता शै। गृश इकाईमों वे 60% वे अचधक भर वीधे नासरमों भें तनतवृत ककए जाते शैं। केलर 12% गृश- इकाई वालथजतनक भर तनमाथव का उऩमोग कयते शैं, ळेऴ खुरी नासरमों, वेस्प्टक टैंक ऩय आचश्रत शैं औय कुछ तो गसरमों भें शी इवे फशाते शैं। तरभों भें लाहशत जर प्रफॊधन औय तनटऩादन एक फशुत शी भशत्लऩूणथ ऩशरू शै तमोंकक जर जभाल के कायण भच्छयों एलॊ भस्तखमों को ऩनऩने का भौका सभरता शै औय इववे अतलच्छता की स्तथतत ऩैदा शोती शै जो कक तरभों भें तनम्न तलातथ्म स्तथतत के सरए स्जम्भदाय शोते शैं। इन षेत्रों भें लऴाथकार भें जर जभाल एक फड़ा भुद्दा शै। 1. स्त्रभ द्िाया िामु प्रदूषण- ऊजाथ आऩूततथ की कभी के कायण, झुग्गी-झोऩड़ड़मों भें यशने लारे अचधकाॊळ रोग खाना फनाने के सरए घयेरू ईंधन के रूऩ भें गोफय के कण्डे, जरालन रकड़ी, तनम्न ततय के कोमरे, वूखे ऩत्ते, वूखे घाव-पूव इत्माहद का उऩमोग कयते शै जो अत्मचधक भात्रा भें धुआॉ छोड़ते शैं। घयेरू ईंधन के इव बायी भात्रा भें जरने वे ळशय के ऩमाथलयण के सरए कई वभतमाएॊ ऩैदा शोती शैं। इन षेत्रों के कुछ आलावों भें

Liquefied Petroleum Gas (LPG) वुवलधा

उऩरब्ध शै रेककन कपय बी रोग ककपामती शोने के कायण घयेरू ईंधन को शी ऩवॊद कयते शैं। इव वभतमा वे उत्ऩन्न वभतमाओॊ भें फाशयी लामु की गुणलत्ता भें चगयालट के वाथ-वाथ घयों के अॊदय बी लामु प्रदूवऴत

शोती शै जो तलातथ्म की चगयालट का कायण फनती शै।

नशीॊ शोता स्जववे तरभ भें शी घयों के आव-ऩाव किये के ठेय देखे जा वकते शैं। डॊऩ ककमा शुआ किया दुगंध को फाशय तनकारता शै औय वाथ शी भस्तखमों औय भच्छयों के सरए प्रजनन तथर फन जाता शै, जो उनके सरए कई फीभारयमों को जन्भ देते शैं। इवके अराला फच्िे इव तथ्म वे अनजान शैं कक ले ककवी घातक फीभायी वे वॊक्रसभत शो वकते शैं। इन किये के ठेय भें तथानीम रोगों द्लाया मा तो आग रगा दी जाती शै मा कपय किये के ढेय को मूॊ शी छोड़ हदमा जाता शै स्जववे आग रगाने के परतलरूऩ लामु प्रदूऴण शोता शै मा कपय किये के ढेय वे दुगंध आने रगती शै जो लामु को प्रदूवऴत कयती शै। फयवात के भौवभ भें स्तथतत औय ज्मादा दमनीम शो जाती शै। किये का ढेय गीरा शोने वे तेजी वे वड़ने रगता शै स्जववे तरभ के रोगों की स्तथतत कहठन शो जाती शै औय लातालयण नायकीम रूऩ धायण कय रेता शै।

सागयतार फहोड़ाऩुय भें किये का ढेय

2. स्त्रभ द्िाया जर प्रदूषण- तरभ वे तनकरे गॊदे ऩानी के तनटकावन की कोई व्मलतथा नशीॊ शोती शै। भसरन फस्ततमों के रोगों द्लाया उऩमोग के फाद वाया गॊदा ऩानी ऩाव भें शी फने गड्डे भें इकट्ठा शोता यशता शै स्जवभें भच्छय, भस्तखमाॉ ऩनऩती शैं स्जववे रोगों भें जर जतनत योग तो शोते शी शैं वाथ शी मश गॊदा जर तलच्छ ऩानी के वाथ सभरकय तलच्छ ऩानी को बी दूवऴत कयता शै। िायों तयप फयवात का ऩानी बया यशता शै स्जववे वबी प्रकाय के जर जतनत योग पैरते शै। रम्फे वभम तक एक शी जगश ऩय ऩड़े यशने के कायण मश बूसभ को बी प्रदूवऴत कयता शै स्जववे बूगबीम जर बी दूवऴत शो जाता शै तथा मश जर प्रदूऴण को फढ़ाला देता शै।

शर्ॊदे की छािनी भें जर प्रदूषण

3. अन्म कायण- इव षेत्र के लगों भें झगड़ा, झड़ऩ औय रड़ाई जैवे वॊघऴथ एक तनमसभत घटना शै। मे घटनाएॊ ळोय औय हशॊवा को फढ़ाला देती शै, वाथ शी षेत्र भें वुयषा की कभी की ओय ध्मान आकवऴथत कयती शैं। मे घटनाएॊ ळशयलासवमों को ऩयेळान कयती शैं, खावकय तरभ के ऩाव यशने लारे तनलासवमों, कामाथरम कामथकताथ तथा तकूरी फच्िों को। इवके अराला, कई तनलावी लेश्मालृस्त्त, भादक ऩदाथों की ततकयी, अऩशयण, फरात्काय आहद गततवलचधमों भें ळासभर यशते शैं स्जववे ळशय के वाभास्जक औय वाॊतकृततक लातालयण को खतया ऩशूॉिता शै। शासळमे ऩय खड़े रोगों का असळषा, लगथ मा जातत की स्तथतत औय सरॊग जैवे कायक मश तनधाथरयत कयते शै कक तमा इव वभूश को ळशयी गयीफी भें यशना िाहशए मा नशीॊ।

गॊदी फस्स्त्तमों का साभास्जक प्रबाि

1. फीभारयमों भें िृवि- गॊदी फस्ततमों के कायण स्जरे के प्रत्मेक नगय भें वॊक्राभक फीभारयमों का प्रकोऩ फढ़ा शै। गॊदी फतती वे उत्ऩन्न शुए कीटाणु ल लामयव भनुटमों के तलातथ्म को खयाफ कय देते शैं। इवके अततरयतत गॊदी फस्ततमाॊ व्मस्तत को ळायीरयक ल भानसवक रूऩ वे योगी फनाने भें वशामक शोती शैं। 2. साभास्जक जीिन भें नीयसता- गॊदी फस्ततमों भें तनलाव कयने लारे व्मस्ततमों का जीलन लमवनों ल फुयी रत के कायण नीयव शो जाता शै औय ले वाभास्जक कामों भें बाग रेने वे लॊचित यश जाते शैं। उनभें वाभास्जक कामों के प्रतत उदावीनता फढ़ जाती शै। वभाज के फशुत वे भशत्लऩूणथ कामों भें ले कोई वशमोग नशीॊ दे ऩाते। 3. असाभास्जक तत्िों भें िृवि- फस्ततमों के तनलासवमों भें वलिायों की व्माऩकता का अबाल ऩामा जाता शै। इन

फस्ततमों के तनलावी शय वभम ऐवे रोगों वे तघये यशते

ओय आकवऴथत शो जाते शैं। मश बी कशा जाता शै कक गॊदी फस्ततमाॊ अवाभास्जक तत्लों मा आऩयाचधक प्रलृस्त्त की जननी शैं। 4. तनधयनता- गॊदी फस्ततमों के रोग नळा तथा भादक ऩदाथों का वेलन कयने भें वॊकोि नशीॊ कयते। ले इन ऩदाथों का वेलन इतनी भात्रा भें कयते शैं कक ले उनका वेलन कयने के आदी शो जाते शैं, इन रोगों भें अऩव्मम कयने की आदत इतनी फढ़ जाती शै कक ले तनधथनता के सळकाय फने यशते शैं औय इवी कायण ले अऩयाधी फन जाते शैं। 5. िैमस्ततक विघिन तथा साभास्जक विघिन- गॊदी फस्ततमों के कायण लैश्मालृस्त्त, अऩयाध, भद्मऩान, वेतव अऩयाध, आहद का जन्भ शोता शै। स्जवके कायण व्मस्तत औय वभाज दोनों का वलघटन शोता शै। इव वलघटन भें वाभास्जक ऩयम्ऩयाओॊ ल यीतत-रयलाजों का भशत्ल कभ शो गमा शै। 6. भानशसक योगों की िृवि- गॊदी फस्ततमों के तनलासवमों को भनोयॊजन का कोई वाधन उऩरब्ध नशीॊ शोता, इवसरए उनका वाभास्जक वलकाव रूक जाता शै औय ले भानसवक योगों के सळकाय शो जाते शैं स्जववे वभाज का लातालयण दूवऴत शोता शै।

भशरन फस्स्त्तमों के सुधाय के सुझाि्

► नलीन गॊदी फस्ततमों की तथाऩना को योकना, फस्ततमों को वाप यखना, वपाई के सरए कठोय तनमभों का वख्ती वे ऩारन कयलाना। ► वाभास्जक सळषा प्रवाय द्लाया गॊदी फस्ततमों के तनलासवमों भें सळषा के भाध्मभ वे िेतना उत्ऩन्न कयनी िाहशए। ► गॊदी फस्ततमों का उन्भूरन तथा वुधाय कयने के सरए भातटय प्रान मा मोजना रागू की जानी िाहशए। ► वाभास्जक कल्माण की मोजनाओॊ को फढ़ाला देना िाहशए। ► महद वॊबल शो वके तो गॊदी फतती वे वॊफॊचधत एक ऩृथक् भॊत्रारम की तथाऩना कयनी िाहशए। ► नगयों भें तलच्छ बलन तनभाथण मोजनाफद्ध तयीके वे ळुरू

ककमा जाना िाहशए।

► नगयों भें आने लारे रोगों औय गॊदी फस्ततमों भें तनलाव कयने लारे रोगों के सरए कुटीय उद्मोगों की तथाऩना

कयनी िाहशए। ► वशकायी वसभततमों को प्रोत्वाशन देना िाहशए।

► कायखाने भें काभ कयने लारे श्रसभकों को कायखाने तक आलागभन की वुवलधा प्रदान कयनी िाहशए। गॊदी फस्ततमों के वभीऩ औऴधारम, तकूर औय खेरकूद के भैदान तथावऩत शोने िाहशएॊ। लशाॊ उन वबी वाधनों का वलकाव तेजी वे कयना िाहशए स्जववे गॊदी फस्ततमों का वुधाय वॊबल शो वके।

Gurukul study pattern at Utila village, Gwalior

नए स्त्रभ के विकास के योकथाभ के उऩाम (Measures of prevent the development of new

slums):

शार के लऴों भें भसरन फस्ततमों की वॊख्मा भें नाटकीम रूऩ वे लृवद्ध शुई शै तमोंकक वलकावळीर देळों भें ळशयी आफादी फढ़ी शै। दुतनमाबय भें रगबग एक अयफ रोग झुस्ग्गमों भें यशते शैं औय 2030 तक मश आॊकड़ा 2 अयफ तक फढ़ वकता शै महद वयकायें औय लैस्श्लक वभुदाम झुस्ग्गमों की अनदेखी कयते शैं औय लतथभान ळशयी नीततमों को जायी यखते शैं तो U. N. - HABITAT वभूश का भानना शै कक फदराल अवॊबल शै। ‗भसरन

फस्ततमों के त्रफना ळशय‘ (Cities without slums) के रक्ष्म को

प्राप्त कयने के सरए, वॊमुतत याटट्र का दाला शै कक वयकायों को

जोयदाय ळशयी तनमोजन, ळशयी प्रफॊधन, अधोवॊयिनात्भक

के उद्भल को योक वकते शैं- 1. विधामी उऩाम - नई झुस्ग्गमों को वलकसवत शोने वे योकने के सरए एक फुतनमादी काभ वयकाय कय वकती शै। लतथभान भें ळशयीकयण भें रगाताय लृवद्ध शो यशी शै। वयकायें भानती शै कक ग्राभीण वलकाव ऩय ध्मान देने जैवी लैकस्ल्ऩक नीततमों को अऩनाने वे ळशयीकयण रूक जाएगा। वयकाय गाॉलों एलॊ ळशयों के वलकाव शेतू कुछ नीततमों का कक्रमाॊलमन कय यशी शै स्जनभे प्रधानभॊत्री आलाव मोजना औय जलाशयरार नेशरू याटट्रीम ळशयी नलीकयण सभळन मोजना प्रभुख शै। 2. तनमोजन उऩाम – वयकायें ळशयी वलकाव की लाततवलकता को तलीकाय कयती शैं तथा उनका अगरा कदभ मश मोजना फनाना शोता शै कक नमे तनलावी कशाॊ यशेंगे। अचधकारयमों को बूसभ की ऩशिान कयनी िाहशए औय इवके सरए मोजना फनानी िाहशए, ळशयी वेलाओॊ के सरए धन उऩरब्ध नशीॊ शोने ऩय बी इवे तनऩटाना

िाहशए।

नई झुस्ग्गमों के तनभाथण को योकने के सरए तथानीम वयकायों को यणनीतत वलकसवत कयनी िाहशए। इनभें वतती बूसभ तक ऩशुॊि, उचित भूल्म की वाभग्री, योजगाय के अलवय औय फुतनमादी ढाॊिा औय वाभास्जक वेलाएॊ ळासभर शोनी िाहशए। वालथजतनक तनलेळ को फुतनमादी वेलाओॊ औय फुतनमादी ढाॊिे तक ऩशुॊि प्रदान कयने ऩय ध्मान केंहरत कयना िाहशए। रेककन तथानीम वयकायें भसरन फस्ततमों के वुधाय एलॊ उन्नमन के फजाए उन्शें ऩूणथ रूऩ वे शटाने के ऩष भें यशती शै स्जवभें ले तनम्न कामथ कयती शै्

(a) Slum Clearance/Removal: तरभ तनकावी को

आभतौय ऩय ळशयी नलीकयण यणनीतत के रूऩ भें कशा जाता शै, इवका उद्देश्म उन झुस्ग्गमों को शटाना शै जो याज्म के तलासभत्ल लारे षेत्रों भें शैं। इवे अतवय बायत जैवे वलकावळीर देळ भें तरभ अऩग्रेड का प्रथभ ियण भाना जाता शै, रेककन मश कई रोगों को फेघय कय देता शै औय ले अॊतत् अन्म षेत्रों ऩय कब्जा कय रेते शैं।

(b) Slum Relocation: तरभ रयरोकेळन की स्तथतत तफ तनसभथत शोती शै जफ ळावन-प्रळावन Slum Clearance/Removal की नीतत अऩनाता शै ऐवी

स्तथतत भें तरभ वे तनलाथसवत रोग ऩाव शी अन्म तथान ऩय तथानाॊतरयत शो जाते शै तमोंकक ले रोग ळशय के फाशय ककवी अन्म जगश ऩय नौकयी कयने भें मा अऩनी जाता शै। वयकाय ने इव स्तथतत भें वुधाय राने के प्रमाव भें झुग्गी-झोऩड़ी भें यशने लारे रोगों को बूसभ ल आलाव देने की नीतत फनाई शै।

(c) Slum Upgrading: तरभ अऩग्रेड एक ळशयी

नलीनीकयण यणनीतत शै, स्जवभें झुस्ग्गमों को ध्लतत कयके उव जगश ऩय ककपामती आलाव तनसभथत कयना शै। तरभ अऩग्रेड का भुख्म उद्देश्म तरभ तनलासवमों के तनम्न जीलन ततय को उच्ि कयना शै। मश वलकावळीर देळों भें ळशयी वलकाव का एक आलश्मक औय भशत्लऩूणथ घटक भाना जाता शै।

तनटकषय (EXTRACT)

अॊतत् भसरन फस्ततमों के उद्भल के सरए शभने वलसबन्न कायकों की ऩशिान की स्जववे मश तनटकऴथ तनकरा कक भसरन फस्ततमों के उद्भल को फढ़ाला देने के सरए वम्बलत् एक कायक स्जम्भदाय नशीॊ शै अवऩतू कई कायक वस्म्भसरत रूऩ वे उत्तयदामी शैं। ककवी षेत्र मा वभाज के वलकाव की आधायसळरा उवकी अथथव्मलतथा शोती शै जो उव वभाज के वम्ऩूणथ ऩष के वलकाव के सरए उत्तयदामी शोती शै। शभ ग्राभीण षेत्रों की फात कये तो लशाॉ की अथथव्मलतथा का आधायततम्ब कृवऴ, डेमयी/ऩळुऩारन, भुगीऩारन तथा कुटीय उद्मोग शैं स्जनवे ग्रासभणों की योजी-योटी का तनलथशन शोता शै। रेककन फढ़ते शुए औद्मोगीकयण, लैश्लीकयण तथा नगयीकयण के ऩरयणाभतलरूऩ ग्राभीण षेत्रों की अथथव्मलतथा के वाधन प्राम् ळुन्म शोते जा यशे शै स्जववे उनके वाभने योजगाय की वभतमा खड़ी शो गई शै। फड़े कृऴक मा फड़े उद्मसभ तो अऩनी जीवलका का तनलथशन कय रेते शै रेककन छोटे ततय के कृऴक औय उद्मभी ऩूॉजी के अबाल भें औय ळावन की उदावीनता के कायण नगयों की ओय ऩरामन कयने को वललळ शैं। इवके अराला गाॉलों भें अन्म आधायबूत वुवलधाओॊ की बी कभी यशती शै स्जवकी ऩूततथ नगय कयता शै औय इवी आधायबूत वुवलधाओॊ की ऩमाथप्तता औय योजगाय की उऩरब्द्धता ग्राभीणों को अऩनी ओय आकवऴथत कयती शै। उऩयोतत कायणों वे जशाॉ एक तयप ग्राभीणों को नगय भें आवया सभरता शै लशीॊ दूवयी तयप नगय भसरन फस्तत/तरभ षेत्र ऩयेळानी वे जूझ यशे शैं। हदन फ हदन भसरन फस्ततमों की वॊख्मा भें उत्तयोत्तय लृवद्ध नगयी ळावन, प्रळावन एलॊ रोगों के सरए ऩयेळानी का कायण फनती जा यशी शैं। भसरन फस्ततमों वे

उत्ऩन्न ऩमाथलयणीम तथा वाभास्जक प्रदूऴण नगय की दळा को

नगय भसरन फस्ततमों की आलश्मकता की ऩूततथ कयता शै उवी तयश तरभ एरयमा बी नगय की कई आलश्मकता की ऩूततथ कयते शैं। नगय भें कई कामथ ऐवे शोते शैं स्जवके सरए जनळस्तत की आलश्मकता शोती शै स्जवे तरभ एरयमा ऩूणथ कयता शै। अत् लतथभान भें आलश्मकता इव फात की शै कक ककव तयश नगय औय तरभ एरयमा भें वाभॊजतम तथावऩत ककमा जाए। तमोंकक लतथभान स्तथतत भें दोनों एक दूवये के ऩूयक फन गए शैं। भसरन फस्ततमों को शटाने के फजाम उनके उत्थान के सरए कामथ ककए जाए स्जवभें ळावन-प्रळावन एलॊ तथानीम रोगों की वलळेऴ बूसभका शो तथा भसरन फस्ततमों के रोग बी अऩना ऩूणथ वशमोग प्रदान कये स्जववे तरभ एरयमा की दळा भें वुधाय शो औय वाथ शी नगय बी प्रततकूर ऩरयस्तथततमों वे फिा यशे।

सॊदबय-ग्रॊथ सूिी (BIBLIOGRAPHY)

नगयीम वभाजळातत्र, डॉ. गणेळ ऩाण्डेम, अरुणा ऩाण्डेम नगयीम वभाजळातत्र, श्रीभती ळायदा ततलायी

Census of India 2011, Circular No. 8 District Census Handbook, Gwalior (Madhya Pradesh) United Nations Human Settlement Programme (UN-HABITAT) report, 2007. Slum Dwellers to double by 2030. Vishwambhar Prasad Sati (December 2012). Trends of Urbanization and its Implications to the Environment: A Case for Gwalior District, Madhya Pradesh. Major Research Project Report. Vandana Agrawal (2014). Slums: Effects on Environment. Recent Research in Science and Technology 6(1): pp. 74-77.

Corresponding Author Dr. Swati Verma*