महात्मा गाँधी के शैक्षिक विचारों का शिक्षा पर प्रभाव

शिक्षा में महात्मा गांधी के विचारों का प्रभाव

by Amit Kumar Yadav*, Dr. Devendra Kumar,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 19, Issue No. 4, Jul 2022, Pages 346 - 350 (5)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

शिक्षा के प्रति इनकी विशेष सोच थी, जो कालान्तर में गांधीजी के शिक्षा दर्शन के रूप में जानी जाती हैं. वे शिक्षा के माध्यम से शोषण विहीन समाज का निर्माण करना चाहते थे. जहाँ किसी तरह जाति, वर्ग, लिंग का भेद न हो, सभी समरसता के साथ जी सके. उनका मानना था कि समाज के प्रत्येक सदस्य का शिक्षित होना जरुरी हैं, शिक्षा के बगैर एक आधुनिक समाज का सपना असम्भव ही हैं. गांधीजी का शिक्षा दर्शन बेहद व्यापक एवं जीवनोपयोगी हैं. उन्होंने शिक्षा के मुख्य सिद्धातों, उद्देश्यों तथा शिक्षा की योजना को मूर्त रूप देने का प्रयत्न किया. गांधीजी का आधुनिक शिक्षा दर्शन उन्हें समाज में एक शिक्षाशास्त्री का दर्जा दिलवाता हैं. उन्होंने बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह अद्वितीय था. हमारा लक्ष्य भारत के प्रख्यात पुरुषों एवं महिलाओं द्वारा शिक्षा के क्षेत्रा में दिए गए बीजगर्भित योगदान के बारे में जन जागरूकता के स्तर को ऊपर उठाने का प्रयत्न करना है। हमें उम्मीद है कि इस प्रकार की जागरूकता से संवाद और चर्चा की एक शृंखला सृजित होगी। आशा है कि राष्ट्रीय जीवन के इस महत्वपूर्ण आयाम में जनता के स्थायी योगदान को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ यह शिक्षा को बौद्धिक जिज्ञासा का जीवंत विषय बनाएगा।

KEYWORD

महात्मा गांधी, शैक्षिक विचार, शिक्षा, समाज, शिक्षा दर्शन