मानवेन्द्र नाथ रॉय का नव –मानववाद - एक आलोचनात्मक मूल्यांकन
मानवेन्द्र नाथ रॉय: नवमानववाद और मार्क्सवाद का आलोचनात्मक मूल्यांकन
by डॉ बृजेन्द्र कुमार त्रिपाठी*,
- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540
Volume 19, Issue No. 6, Dec 2022, Pages 292 - 299 (8)
Published by: Ignited Minds Journals
ABSTRACT
एम एन रॉय एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय विचारक और कार्यकर्ता थे। उन्होंने एक राष्ट्रवादी क्रांतिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया, बाद में वे समाजवाद और मार्क्सवाद की ओर आकर्षित हुए। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। भारत की मूल अविभाजित कम्युनिस्ट पार्टी व मार्क्सवादी दुनिया में एक अंतरराष्ट्रीय शख्सियत बन गए और अंततः मार्क्सवादी विचारधारा की आलोचना करते हुए नए मानवतावाद या कट्टरपंथी मानवतावाद के अपने स्वयं के दर्शन को विकसित किया। बीसवीं शताब्दी के कुछ अन्य भारतीय विचारकों के विपरीत, रॉय ने अपने विचार में दर्शन और धर्म के बीच स्पष्ट अंतर किया है। एम. एन. रॉय का क्रांतिकारी या नया मानवतावाद पूंजीवाद के खिलाफ मार्क्सवादी क्रांति का प्रतिबिंब है।
KEYWORD
मानवेन्द्र नाथ रॉय, नवमानववाद, आलोचनात्मक मूल्यांकन, राष्ट्रवादी क्रांतिकारी, समाजवाद