वित्तीय समावेशन और व्यापक विकास में सहकारी समितियों का प्रभाव

Enhancing Financial Inclusion through Cooperative Societies in India

by Rakesh Meena*, Vikram Meena,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 19, Issue No. 6, Dec 2022, Pages 427 - 432 (6)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

समावेशी वित्तीय प्रणाली को बढ़ावा देना कई देशों में नीतिगत प्राथमिकता मानी जाती है। गरीब किसानों, ग्रामीण गैर-कृषि उद्यमों और अन्य कमजोर समूहों की जीवन स्थितियों में सुधार के लिए वित्तीय समावेशन महत्वपूर्ण है। जबकि वित्तीय समावेशन के महत्व को व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे उधारकर्ताओं के लिए ऋण प्रवाह के आधार पर वित्तीय समावेशन की सीमा के आकलन का अभाव है। उदारीकृत, तेजी से वैश्विक, बाजार संचालित भारत की अर्थव्यवस्था आज समावेशी विकास को सुविधाजनक बनाने में विफल रही है। यह पेपर वित्तीय समावेशन की सीमा का मूल्यांकन करके इस अंतर को भरने का प्रयास करता है और भारत में वित्तीय समावेशन के महत्वपूर्ण उपकरणों के रूप में सहकारी समितियों की सक्रिय भागीदारी पर जोर देता है।

KEYWORD

वित्तीय समावेशन, सहकारी समितियों, गरीब किसान, ग्रामीण गैर-कृषि उद्यम, ऋण प्रवाह, अर्थव्यवस्था, समावेशी विकास, वित्तीय प्रणाली, प्राथमिकता, समूह