परमाणु निरस्त्रीकरण और भारत

भारतीय नेताओं के द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण और भारतीय विदेश नीति

by Ravi Shankar Sarkar*,

- Published in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education, E-ISSN: 2230-7540

Volume 5, Issue No. 10, Apr 2013, Pages 1 - 3 (3)

Published by: Ignited Minds Journals


ABSTRACT

भारत के स्वतंत्र होने के बहुत पहले भारतीय नेता शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पर बल देने लगे थे। 29 सितंबर 1946 को महात्मा गाँधी ने स्पष्ट रूप से कहा, मरे विचार से समस्त पुरूषों, महिलाओं और बच्चों के विनाश के लिए परमाणु बम का उपयोग करना विज्ञान का सबसे नृशंस उपयोग है। अतः इसमें कोई आश्चर्य नहीं होनी चाहिए कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति में सामान्य और पूर्ण उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में आण्विक शस्त्रों की समाप्ति पर बल दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में सर्वप्रथम 1948 में प्रस्ताव रखा गया और उसके बाद निरंतर निरस्त्रीकरण संबंधी अनेक प्रस्ताव (अनेक ओर से या संयुक्त रूप से) भारत द्वारा रखे गये थे।

KEYWORD

परमाणु निरस्त्रीकरण, भारत, शांति, निरस्त्रीकरण, विकास, महात्मा गाँधी, परमाणु बम, विज्ञान, स्वतंत्रता, विदेश नीति