किशोरों के जीवन कौशल की शिक्षा के प्रति समाज की जागरूकता का अध्ययन
An Exploration of the Importance of Teaching Life Skills to Adolescents
Keywords:
शिक्षा, जीवन कौशल, समाज, ज्ञान, पाठ्यक्रम, निपुणता, दक्षता, चिंतन, अभिव्यक्तिAbstract
मानव मस्तिष्क जिज्ञासु में क्रियाशील है और अगर प्रयोग प्रकृति की जननी है। आज और विकास दृष्टिगोचर हो रहा है। वह निरंतर किए गए अनुसंधानों का ही परिणाम है। इस तरह शिक्षा भी एक गातिशील प्रक्रिया है। जिसका उद्देश्य अर्जित ज्ञान को एक पाठ्यक्रम से दूसरे पाठ्यक्रम में प्रसारित करना है। शिक्षा के अर्थ पर अब जटिलताओं मे ले जाकर सामान्यतः कौशल से अभिप्राय उस व्यक्तिगत निपुणता से है कि दैनिक जीवनयापन के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी करता है। कलम पकड़ना एक साधारण सा कौशल है जबकि क्रिकेट खेलना एक जटिल दक्षता है। चलने का कौशल स्वयं में आता है जबकि बोलने की कौशल में वातावरण एक प्रभावशाली भूमिका निभाता है। फुटबाल खिलाड़ी का गेम लोड करना, चालक का बस चलाना आदि कार्यों में अभ्यास द्वारा दक्षता का विकास होता है जबकि अन्य कौशल यथा तर्कपूर्ण चिंतन तथा सृजनात्मक अभिव्यक्ति आदि बोध चिंतन से विकसित होते है।Published
2022-12-01
How to Cite
[1]
“किशोरों के जीवन कौशल की शिक्षा के प्रति समाज की जागरूकता का अध्ययन: An Exploration of the Importance of Teaching Life Skills to Adolescents”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 227–236, Dec. 2022, Accessed: Nov. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14170
Issue
Section
Articles
How to Cite
[1]
“किशोरों के जीवन कौशल की शिक्षा के प्रति समाज की जागरूकता का अध्ययन: An Exploration of the Importance of Teaching Life Skills to Adolescents”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 227–236, Dec. 2022, Accessed: Nov. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14170