जनजातियों का सामाजिक, शासनात्मक व संवैधानिक परिप्रेक्ष्य: राजस्थान के विशिष्ट संदर्भ में

जनजातियों के संवैधानिक और शासनात्मक परिप्रेक्ष्य में राजस्थान का विशेष संदर्भ

Authors

  • डॉ अशोक कुमार महला
  • डॉ सुलोचना .

Keywords:

जनजातियों, सामाजिक, शासनात्मक, संवैधानिक, परिप्रेक्ष्य, राजस्थान, विशिष्ट, संदर्भ, जनजातीय, आवास

Abstract

भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेक विविधताएँ हैं। यहां अनेक धर्म, मत, संप्रदाय, प्रजाति एवं जाति के लोग रहते हैं। भारत की सामाजिक रचना को हम जनजातीय आवास, ग्राम और कस्बे व शहर की दृष्टि से देख सकते हैं। जनसंख्या का एक भाग आदिम जाति या जनजातियों का है। आमतौर पर जनजातियां ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों में निवास करती हैं जहां सत्यता का प्रकाश अभी तक नहीं पहुंचा है। विशाल भारत में फैली हुई सभी जनजातियों को किसी भी आधार पर एक श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसलिए भौगोलिक स्थिति, भाषा, प्रजाति, अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति आदि आधारों पर उनका वर्गीकरण किया गया है। आमतौर पर जनजातियां आर्थिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ी हुई हैं। जनजातियों के साथ होने वाले अन्याय से उनकी रक्षा करने और उन्हें समाज के अन्य भागों के समकक्ष लाने के लिए संविधान में विशेष रियायतें दी गई हैं। भारत की जनजातियों में एकात्मकता की दृढ़ भावना देखी जा सकती है। विभिन्न मानवशास्त्रियों एवं समाजशास्त्रियों ने अलग-अलग तरीके से जनजातियों को परिभाषित तथा उनका वर्गीकरण किया है। सामान्य भूभाग, सामान्य भाषा, विस्तृत आकार, अंतर-विवाह, एक नाम, सामान्य संस्कृति, आर्थिक आत्मनिर्भरता, अपना निजी राजनीतिक संगठन तथा सामान्य निषेध आदि जनजातियों के प्रमुख लक्षण माने जाते हैं।

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Published

2022-12-01

How to Cite

[1]
“जनजातियों का सामाजिक, शासनात्मक व संवैधानिक परिप्रेक्ष्य: राजस्थान के विशिष्ट संदर्भ में: जनजातियों के संवैधानिक और शासनात्मक परिप्रेक्ष्य में राजस्थान का विशेष संदर्भ”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 470–475, Dec. 2022, Accessed: Nov. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14208

How to Cite

[1]
“जनजातियों का सामाजिक, शासनात्मक व संवैधानिक परिप्रेक्ष्य: राजस्थान के विशिष्ट संदर्भ में: जनजातियों के संवैधानिक और शासनात्मक परिप्रेक्ष्य में राजस्थान का विशेष संदर्भ”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 470–475, Dec. 2022, Accessed: Nov. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14208