एडमंड हुसरेल का दर्शन : फेनोमिनोलॉजी
चिन्तन के क्षेत्र में एडमंड हुसरेल का दर्शन और उनकी आद्य भाव विधि
Keywords:
एडमंड हुसरेल, दर्शन, फेनोमिनोलॉजी, चिन्तन, विधि, विज्ञानAbstract
एडमंड हुसरेल का दर्शन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने दर्शन में परम्परागत रूप से विद्यमान चिन्तन की विधाओं को समुचित नहीं माना। उन पर ब्रेंटनों व डेकार्ट का व्यापक प्रभाव था। वे ब्रेंटनों के इस विचार से प्रभावित थे कि चेतना बिना विषय के संभव नहीं है। वे डेकार्ट के इस विचार से भी प्रेरित थे कि हमारा ज्ञान तब तक संदिग्ध है जब तक उसका कोई असंदिग्ध आद्य भाव ज्ञात न हो। ऐसा आद्य भाव जानने के लिए उन्होंने फेनोमिनोलॉजी की विधि विकसित की। यह विधि दर्शन के साथ साथ सामाजिक विज्ञानों में भी उपयोग की जाने लगी।Published
2022-12-01
How to Cite
[1]
“एडमंड हुसरेल का दर्शन : फेनोमिनोलॉजी: चिन्तन के क्षेत्र में एडमंड हुसरेल का दर्शन और उनकी आद्य भाव विधि”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 726–728, Dec. 2022, Accessed: Nov. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14251
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[1]
“एडमंड हुसरेल का दर्शन : फेनोमिनोलॉजी: चिन्तन के क्षेत्र में एडमंड हुसरेल का दर्शन और उनकी आद्य भाव विधि”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 726–728, Dec. 2022, Accessed: Nov. 05, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/14251