चिकनकारी कढ़ाई के विकास और वर्तमान परिदृश्य का अध्ययन

Exploring the Development and Current Scenario of चिकनकारी कढ़ाई: A Study in Indian Cultural Heritage and Economic Development

Authors

  • Kiran Sharma
  • Dr. Sushma Srivastava
  • Dr. Kamlesh Kumar

Keywords:

चिकनकारी कढ़ाई, विकास, परिदृश्य, शिल्पकला, रोजगार, स्थानीय विकास, इतिहास, तकनीकी प्रक्रियाएं, उत्पादों, स्थानीय शिल्पकला

Abstract

चिकनकारी कढ़ाई एक प्रमुख शिल्पकला है जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह शिल्पकला विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृष्टि करने में सक्षम है और स्थानीय विकास को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकती है। यह अध्ययन चिकनकारी कढ़ाई के विकास और वर्तमान परिदृश्य की समीक्षा करता है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य चिकनकारी कढ़ाई के इतिहास, तकनीकी प्रक्रियाएं, और उत्पादों के विकास को विश्लेषण करना है। इसमें स्थानीय शिल्पकला के प्रति लोगों की रुचि को बढ़ावा देने, उन्हें उनके पारंपरिक कला और शिल्प में माहिर बनाने के लिए कदम उठाने का भी प्रयास किया गया है। वर्तमान परिदृश्य का विश्लेषण शिल्पकला के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते प्रभाव के साथ होता है, जिससे इसका विपुल विस्तार हो रहा है। चिकनकारी कढ़ाई को विपुलता और अद्भुतता के साथ बढ़ावा देने के लिए नए डिजाइन और मार्गदर्शिकाएं प्रस्तुत करने का भी प्रयास किया गया है।

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Published

2022-12-01

How to Cite

[1]
“चिकनकारी कढ़ाई के विकास और वर्तमान परिदृश्य का अध्ययन: Exploring the Development and Current Scenario of चिकनकारी कढ़ाई: A Study in Indian Cultural Heritage and Economic Development”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 729–733, Dec. 2022, Accessed: Jul. 01, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/14252

How to Cite

[1]
“चिकनकारी कढ़ाई के विकास और वर्तमान परिदृश्य का अध्ययन: Exploring the Development and Current Scenario of चिकनकारी कढ़ाई: A Study in Indian Cultural Heritage and Economic Development”, JASRAE, vol. 19, no. 6, pp. 729–733, Dec. 2022, Accessed: Jul. 01, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/jasrae/article/view/14252