हरियाणवी सांग परंपरा के प्रमुख लोक गायक

Exploring the Enchanting Folk Music Tradition of Haryana

Authors

  • Sunil Kumar

Keywords:

हरियाणवी सांग परंपरा, लोक गायक, संगीतक, स्वांग, हरियाणा, कोमी नाट्य, जनरंजनकारी, लोकमानस, रागनियों, वाद्य संगीत

Abstract

संगीतक, सांग या स्वांग को हरियाणा का कोमी नाट्य कहा जा सकता है। जनरंजनकारी यह विधा हरियाणा के लोकमानस पर जादू का प्रभाव डालती है। इसके मंच के चारों ओर बैठे दर्शक रागनियों की स्वर-लहरियों में एवं वाद्य संगीत कथा को देखसुन कर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं यदि हम इसके नाम के ऊपर चर्चा करें तो हमें विभिन्न विद्वानों के द्वारा उनके अनेक नाम प्राप्त होते हैं। डॉ शंकर लाल यादव सांग या सांगीत को संगीत का ही फूहड़ रूप मानते हैं।[1]

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Published

2019-02-01

How to Cite

[1]
“हरियाणवी सांग परंपरा के प्रमुख लोक गायक: Exploring the Enchanting Folk Music Tradition of Haryana”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 139–141, Feb. 2019, Accessed: Nov. 10, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10083

How to Cite

[1]
“हरियाणवी सांग परंपरा के प्रमुख लोक गायक: Exploring the Enchanting Folk Music Tradition of Haryana”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 139–141, Feb. 2019, Accessed: Nov. 10, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10083