बीसवीं सदी के अन्त में भारत-भूटान संबंध: एक अध्ययन
भारत-भूटान संबंध: बीसवीं सदी के अंत में
Keywords:
बीसवीं सदी, अन्त, भारत-भूटान संबंध, स्वतंत्र देश, संयुक्त राष्ट्र, निर्गुट आंदोलन, सार्क, डाक सेवाओं, दाक सेवाओं में सहयोग संबंधी समिति, राजदूतावासAbstract
भारत भूटान को एक स्वतंत्र देश के रूप में बनाये रखना चाहता है। भारत की पहल पर ही भूटान सन् 1971 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना। सन् 1973 में वह निर्गुट आंदोलन में सम्मिलित हुआ। भूटान सार्क का भी सदस्य है और वह दक्षिणी एशिया में डाक सेवाओं में सहयोग संबंधी समिति का अध्यक्ष है। सन् 1977 में भारत भूटान के राजदूतावास का नयी दिल्ली में दर्जा बढ़ा दिया।Published
2019-02-01
How to Cite
[1]
“बीसवीं सदी के अन्त में भारत-भूटान संबंध: एक अध्ययन: भारत-भूटान संबंध: बीसवीं सदी के अंत में”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 575–576, Feb. 2019, Accessed: Dec. 25, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10176
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Articles
How to Cite
[1]
“बीसवीं सदी के अन्त में भारत-भूटान संबंध: एक अध्ययन: भारत-भूटान संबंध: बीसवीं सदी के अंत में”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 575–576, Feb. 2019, Accessed: Dec. 25, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10176






