विदेश नीति के निर्धाक तत्व

विदेश नीति के महत्व और संवाद

Authors

  • Braham Jeet

Keywords:

विदेश नीति, निर्धाक तत्व, व्यापार, वाणिज्य, ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी, सांस्कृतिक क्षेत्र, आवश्यकताएं

Abstract

विश्व का कोई भी देश अलग होकार अकेला अपना जीवन निर्वाह नहीं कर सकता। प्रत्येक राष्ट्र की व्यापार, वाणिज्य, ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में उसकी अपनी पहचान होती है। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अन्य राष्ट्रों से आदान-प्रदान तथा मैत्री सम्बन्ध बनाये रखना नितान्त आवश्यक होता है।

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Published

2019-02-01

How to Cite

[1]
“विदेश नीति के निर्धाक तत्व: विदेश नीति के महत्व और संवाद”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 910–913, Feb. 2019, Accessed: Nov. 10, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10247

How to Cite

[1]
“विदेश नीति के निर्धाक तत्व: विदेश नीति के महत्व और संवाद”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 910–913, Feb. 2019, Accessed: Nov. 10, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10247