भारतीय स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका

गाँधी जी का जीवन और भारतीय स्वतंत्रता में महत्व

Authors

  • Rajesh Kumar

Keywords:

भारतीय स्वतंत्रता, गांधीजी, शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान, सवालों, सत्यपरायणता, धार्मिक संस्कार, बचपन, विवाह, गृह कार्य

Abstract

गाँधी जी के पिता की शिक्षा अनुभव की थी और उनका व्यवहारिक ज्ञान इतने उच्च स्तर का था कि उन्हें बारीक से बारीक सवालों को सुलझाने में कोई कठिनाई नहीं होती थी। गाँधी जी की माता एक साध्वी महिला थीं जो पूजा-पाठ सम्पन्न किए बिना भोजन ग्रहण नहीं करती थी। इस प्रकार बालक मोहनदास करमचन्द को पिता से सत्यपरायणता और माता से धार्मिक संस्कार प्राप्त हुए। गाँधी जी का बचपन पोरबन्दर में बीता। जब इनकी उम्र सात वर्ष की हो गयी तो इनके पिता पोरबन्दर से राजकोट चले आये। राजकोट ही मोहनदास का दूसरा घर बन गया। प्रारम्भिक शिक्षा राजकोट में हुई। गाँधी जी का विवाह 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबाबाई के साथ हुआ जो पोरबन्दर के व्यापारी गोकुलदास मकन जी की पुत्री थी। वह शिक्षित न होते हुए भी गृह कार्य में अत्यन्त दक्ष थीं।

Downloads

Published

2019-02-01

How to Cite

[1]
“भारतीय स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका: गाँधी जी का जीवन और भारतीय स्वतंत्रता में महत्व”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 1229–1233, Feb. 2019, Accessed: Dec. 25, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10307

How to Cite

[1]
“भारतीय स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका: गाँधी जी का जीवन और भारतीय स्वतंत्रता में महत्व”, JASRAE, vol. 16, no. 2, pp. 1229–1233, Feb. 2019, Accessed: Dec. 25, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10307