अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों पर आणविक शस्त्रों का प्रभाव

प्राणविज्ञान में आणविक शस्त्रों का अध्ययन

Authors

  • Parmod Kumar

Keywords:

अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों, आणविक शस्त्रों, परमाणु शस्त्रों, विश्व राजनीति, चिन्तनधारा, हिरोशिमा, नागासाकी, प्रक्रिया, विध्वंसक शस्त्रों, आतंकवाद

Abstract

परमाणु शस्त्रों की इस शताब्दी ने विश्व राजनीति के कविपय महत्वपूर्ण पहलू और चिन्तनधारा को प्रभावित किया है। हिरोशिमा और नागासाकी पर 6 और 9 अगस्त 1945 को अमेरिका द्वारा छोड़ा गया परमाणु बम शस्त्र जगत का चरम बिन्दु न होकर मात्र शुरूआत थे। इसके बाद विध्वंसक शस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया अबाध गति से चलती रही। आणविक शक्ति के कारण अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन ही नहीं बल्कि रूस के नये गणरज्यों (जिसके हिस्से में परमाणु भण्डार हैं) के अतिरिक्त इस क्षमता को हारिल करने की ओर तेजी से लपक रहे तीसरी दुनिया के देश भी विश्व व्यवस्था के समक्ष एक गहरे संकट को आमंत्रण दे रहें।

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Published

2019-03-01

How to Cite

[1]
“अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों पर आणविक शस्त्रों का प्रभाव: प्राणविज्ञान में आणविक शस्त्रों का अध्ययन”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 536–538, Mar. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10498

How to Cite

[1]
“अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों पर आणविक शस्त्रों का प्रभाव: प्राणविज्ञान में आणविक शस्त्रों का अध्ययन”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 536–538, Mar. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10498