भारत की एकता और अखण्ड़ता में संगीत का योगदान

विभिन्न संस्कृतियों का एक सूत्र में बंधा रहना: भारत में संगीत का योगदान

Authors

  • Dr. Anita Sharma

Keywords:

एकता, अखण्डता, संगीत, भारत, संस्कृति

Abstract

हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों का देश है जो समूचे विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। अलग-अलग संस्कृति और भाषाएं होते हुए भी हम सभी एक सूत्र में बंधे हुए हैं तथा राष्ट्र की एकता व अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। संगठन ही सभी शक्तियों की जड़ है,एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है, प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि उन्नति नहीं कर सकता। एकता में महान शक्ति है। एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है। राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक,बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता आवश्यक है।

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Published

2019-03-01

How to Cite

[1]
“भारत की एकता और अखण्ड़ता में संगीत का योगदान: विभिन्न संस्कृतियों का एक सूत्र में बंधा रहना: भारत में संगीत का योगदान”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 1355–1357, Mar. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10652

How to Cite

[1]
“भारत की एकता और अखण्ड़ता में संगीत का योगदान: विभिन्न संस्कृतियों का एक सूत्र में बंधा रहना: भारत में संगीत का योगदान”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 1355–1357, Mar. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10652