रामायण कालीन शासन व्यवस्था
A Contemporary Perspective on Governance and Political System in Ramayana
Keywords:
रामायण, शासन व्यवस्था, भारतीय सभ्यता, संस्कृति, ग्रन्थ, राजतंत्र, शोध प्रबन्ध, आधुनिक परिप्रेक्ष्य, प्रासङ्गिकताAbstract
रामायण भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रतिनिधि ग्रन्थ है। यह सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में ग्रथित करने, समग्र सृष्टि के प्रति सौहार्द की प्रेरणा देने तथा जनमानस में समाहित पारलौकिक एवं उदात्त लोक-व्यवहार को समुचित बनाने में सहायक है। यह उदात्त काव्यशिल्प में ग्रथित आदि महाकाव्य है। किन्तु रामायण में वर्णित राजतंत्र एवं शासन व्यवस्था का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासङ्गिकता के स्वतंत्र अध्ययन का प्रायः अभाव रहा है प्रस्तुत शोध प्रबन्ध में इस अभाव की दिशा में विनम्र प्रयास है। शोध प्रबन्ध का विषय रामायण में वर्णित राजतन्त्र एवं शासन-व्यवस्था का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रासङ्गिकता।Published
2019-03-01
How to Cite
[1]
“रामायण कालीन शासन व्यवस्था: A Contemporary Perspective on Governance and Political System in Ramayana”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 1696–1704, Mar. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10719
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Articles
How to Cite
[1]
“रामायण कालीन शासन व्यवस्था: A Contemporary Perspective on Governance and Political System in Ramayana”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 1696–1704, Mar. 2019, Accessed: Sep. 20, 2024. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10719