हिंदी कथा साहित्य में बाल मन में माता-पिता के अलगाव से उत्पन्न समस्याएँ
बाल मन के दुष्प्रभाव: हिंदी कथा साहित्य में माता-पिता के अलगाव की समस्याओं का अध्ययन
Keywords:
हिंदी कथा साहित्य, बाल मन, माता-पिता, अलगाव, समस्याएँAbstract
बच्चों के हृदय में अपने घर की छवि ‘आदर्श घर’ की छवि तथा माता-पिता की छवि एक ‘आदर्श दम्पत्ति’ की छवि होती है किन्तु माता-पिता में आपसी द्वन्द्व, तनावों के चलते आखिरकार जब वे संबंध-विच्छेद की कगार पर आ जाते हैं तो निश्चित तौर पर बच्चों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। बच्चों के अवचेतन में परिवार के विभाजन से हुई क्षति की पूर्ति किसी प्रकार भी नहीं की जा सकती। यह एक ऐसी स्थिति है, दुर्घटना है जिस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं, जिसमें उनका कोई हस्तक्षेप नहीं किन्तु सर्वाधिक निर्दोष होने पर भी सर्वाधिक दुष्प्रभाव और हानियाँ उन्हीं के हिस्से में आती हैं।Published
2019-03-01
How to Cite
[1]
“हिंदी कथा साहित्य में बाल मन में माता-पिता के अलगाव से उत्पन्न समस्याएँ: बाल मन के दुष्प्रभाव: हिंदी कथा साहित्य में माता-पिता के अलगाव की समस्याओं का अध्ययन”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 2092–2101, Mar. 2019, Accessed: Sep. 11, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10793
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Articles
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[1]
“हिंदी कथा साहित्य में बाल मन में माता-पिता के अलगाव से उत्पन्न समस्याएँ: बाल मन के दुष्प्रभाव: हिंदी कथा साहित्य में माता-पिता के अलगाव की समस्याओं का अध्ययन”, JASRAE, vol. 16, no. 4, pp. 2092–2101, Mar. 2019, Accessed: Sep. 11, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10793