योग में मंत्र साधना का समीक्षात्मक अध्ययन
Exploring the Significance of Mantra Practice in Yoga
Keywords:
योग, मंत्र साधना, समीक्षात्मक अध्ययन, मंत्र, ऋषि-मुनिAbstract
योग में मंत्र साधना का विशेष महत्वपूर्ण स्थान है मंत्र साधना को योग साधना में सबसे सुगम एवं सरल बताते हुए, समस्त योगी ऋषि-मुनि मंत्र साधना के अस्तित्व को स्वीकार किया है। हिन्दू श्रुति ग्रंथों शास्त्रों की कविता को पारंमरिक रूप में मंत्र कहा गया है। मंत्र शब्द “मन” तथा “त्र” के युग्म से बना है। यहाँ “त्र” का अर्थ विचारों से मुक्ति से है। मंत्र का शाब्दिक अर्थ विचार या चिंतन है।Published
2019-04-01
How to Cite
[1]
“योग में मंत्र साधना का समीक्षात्मक अध्ययन: Exploring the Significance of Mantra Practice in Yoga”, JASRAE, vol. 16, no. 5, pp. 582–585, Apr. 2019, Accessed: Oct. 05, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10963
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Articles
How to Cite
[1]
“योग में मंत्र साधना का समीक्षात्मक अध्ययन: Exploring the Significance of Mantra Practice in Yoga”, JASRAE, vol. 16, no. 5, pp. 582–585, Apr. 2019, Accessed: Oct. 05, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/10963