तक्षशिला विश्वविद्यालय – एक उच्च शिक्षा केंद्र
-
Keywords:
तक्षशिला विश्वविद्यालय, शिक्षा प्रणाली, विद्यार्थी, अध्ययन-अध्यापन, जनपदAbstract
प्राचीन भारतीय शिक्षा और संस्कृति का यदि कोई स्वर्णिम पक्ष है तो वह है। उसकी शिक्षा प्रणाली अथवा शिक्षा व्यवस्था। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति को जगत् शिरोमणि की उपाधि से विभूषित किया गया है। प्राचीन शिक्षा एक ऐसा प्रभावशाली तंत्र थी जिसने तत्कालीन व्यवस्थाओं को न केवल प्रभावी ढंग से चलाया बल्कि उन्हें स्वस्थ एवं सकारात्मक गति प्रदान की। प्राचीन भारतयीय शिक्षा व्यवस्था में तक्षशिला विश्वविद्यालय का विशेष योगदान रहा है। प्रस्तुत शोधपत्र में तक्षशिला विश्वविद्यालय की शैक्षिक व्यवस्था का वर्णन किया गया है। प्राचीन काल में तक्षशिला भारत का मुख्य उच्च शिक्षा केंद्र था। अनेक विश्वविद्यालय के आचार्य वहाँ निवास करते थे। उनके ज्ञान और यश से आकृष्ट होकर हजारों विद्यार्थी दूर से आते थे। यह विश्वविद्यालय तत्कालीन विभिन्न जनपदों के विद्यार्थियों से सदा परिपूर्ण रहता था। त्रयी (वेद), आन्वीक्षिकी (दर्शनशास्त्र), दंड नीति, वार्ता (कृषि, पशुपालन और वाणिज्य), शिल्प, आयुर्वेद, कला, शस्त्र संचालन आदि समस्त विद्याओं के अध्ययन-अध्यापन का तक्षशिला में समुचित प्रबंध था।Published
2019-05-01
How to Cite
[1]
“तक्षशिला विश्वविद्यालय – एक उच्च शिक्षा केंद्र: -”, JASRAE, vol. 16, no. 6, pp. 901–906, May 2019, Accessed: Sep. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/11466
Issue
Section
Articles
How to Cite
[1]
“तक्षशिला विश्वविद्यालय – एक उच्च शिक्षा केंद्र: -”, JASRAE, vol. 16, no. 6, pp. 901–906, May 2019, Accessed: Sep. 10, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/11466