भारतीय विदेश नीति के निर्धारक तत्व

The Influencing Elements of Indian Foreign Policy

Authors

  • Dr. Renu Bala

Keywords:

भारतीय विदेश नीति, निर्धारक तत्व, भौगोलिक स्थिति, इतिहास, परम्पराएँ, संस्कृति, आर्थिक विकास, सैनिक बल, अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियाँ, कौटिल्य, सम्राट अशोक, नेहरू, गाँधीजी, स्वतंत्रता संग्राम, वसुधैव कुटुम्बकम्

Abstract

किसी भी देश की विदेश नीति के निर्धारक तत्त्वों में देश की भौगोलिक स्थिति, इतिहास, परम्पराएँ, संस्कृति, आर्थिक विकास का स्तर, सैनिक बल तथा अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियाँ आदि तत्त्व गिने जाते है। भारत की विदेश नीति के निर्माताओं के समक्ष प्राचीन विद्वान कौटिल्य का दर्शन उपलब्ध था। कौटिल्य एक यथार्थवादी राजनेता था जो कि युद्ध को शक्ति एवं विदेश नीति का प्रमुख समाधान मानता था। सम्राट अशोक ने शांति, स्वतंत्रता तथा समानता के मूल्यों पर बल दिया था। नेहरू ने सम्राट अशोक के आदर्शो पर चलने का निश्चय किया और अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान जैसे मूल्यों को संविधान के भाग चार में उल्लिखित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों में भी शामिल करवाया। भारत की विदेश नीति मूल रूप से गाँधीजी के दर्शन, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शो तथा भारतीय परम्परा के मौलिक सिद्धान्त ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित है।[1] लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने मार्च, 1950 में कहा था, ‘‘यह नहीं सोचना चाहिए कि हम बिल्कुल नए सिरे से आरम्भ कर रहे है। यह ऐसी नीति है जो कि हमारे समकालीन इतिहास एवं हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन से निकली है, और जिसका विकास उन विविध आदर्शो से हुआ है जिनकी हमने घोषणा की है।

Downloads

Published

2019-05-01

How to Cite

[1]
“भारतीय विदेश नीति के निर्धारक तत्व: The Influencing Elements of Indian Foreign Policy”, JASRAE, vol. 16, no. 6, pp. 1623–1630, May 2019, Accessed: Jun. 16, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/11606

How to Cite

[1]
“भारतीय विदेश नीति के निर्धारक तत्व: The Influencing Elements of Indian Foreign Policy”, JASRAE, vol. 16, no. 6, pp. 1623–1630, May 2019, Accessed: Jun. 16, 2025. [Online]. Available: https://ignited.in/index.php/jasrae/article/view/11606